जानियेः कभी सब्जी बेचकर करते थे गुजारा, अब हैं केंद्र में मंत्री

Success Story : एक आम परिवार से संसद तक पहुंचने की संघर्षपूर्ण कहानी

Ajay bhatt

एक आम परिवार। पिता का का साया बचपन में सिर से उठ गया। परिवार के पालन पोषण की बड़ी चुनौती। इन चुनौतियों के बीच सब्जी की दुकान चलाकर न केवल परिवार का पालन पोषण किया बल्कि अपनी पढ़ाई भी की। आज यह होनहार युवा उत्तराखंड की नैनीताल सीट से सांसद है और हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट(ajay bhatt) की। 2019 में नैनीताल सीट पर साढ़े तीन लाख वोटों के भारी अंतर से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हराने वाले अजय भट्ट को पहली ही बार में केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिला है।

अजय भट्ट(central minister ajay bhatt) का जन्म 01 मई 1961 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में हुआ। उनके पिता का नाम स्व० कमलापति भट्ट और माँ का नाम तुलसी देवी भट्ट था। बचपन में ही पिताजी का साया उठ जाने के कारण उनका जीवन काफी संघर्षमय रहा। एक किराये की छोटी सी सब्जी की दुकान चलाकर उन्होंने अपनी पढ़ाई की। अपने परिवार का भरण-पोषण किया।

अजय भट्ट बेहद मेहनती, आत्मविश्वासी और जुझारु व्यक्ति रहे है। उन्होंने अल्मोड़ा कॉलेज से अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और अपनी पहचान उत्तराखण्ड के एक नामी और काबिल वकील के तौर पर कायम की। उनकी पत्नी पुष्पा भट्ट पूर्व में जज रही चुकी हैं तथा वर्तमान में उच्च न्यायालय नैनीताल में अपर महाधिवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।

शुरुआत से ही सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे अजय भट्ट का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ाव बचपन से और फिर विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से रहा। अजय भट्ट वर्ष 1980 में सक्रिय राजनीति से जुड़े। वे वर्ष 1985 से भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष व भाजपा की कार्यसमिति के सदस्य बने। संगठन पर उनकी पकड़ और कार्यशैली से प्रभावित होकर पार्टी ने उन्हें जल्द ही प्रदेश मंत्री और महामंत्री पदों की जिम्मेदारी सौपी उत्तरांचल राज्य निर्माण आन्दोलन में अजय भट्ट की सक्रिय और अहम भूमिका देखने को मिली। डॉ. मुरली मनोहर जोशी जी के नेतृत्व में उत्तरांचल राज्य प्रगति हेतु इन्होंने अल्मोड़ा में गिरफ्तारी दी तथा अयोध्या राम मन्दिर निर्माण हेतु दो बार गिरफ्तार भी हुए। ये उत्तरांचल संघर्ष समिति के प्रमुख सदस्य भी रहे।

वर्ष 1996 में पहली बार रानीखेत से चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश विधान सभा में रानीखेत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। ये उत्तर प्रदेश विधान सभा में लोक लेखा समिति एवं सी.पी.ए. के सदस्य तथा विधान सभा की विशेषाधिकार समिति के सभापति का दायित्व भी निभा चुके है। 09 नवम्बर, 2000 को उत्तर प्रदेश से पृथक राज्य उत्तरांचल (वर्तमान नाम उत्तराखण्ड) बनने के बाद ये अन्तरिम सरकार में मंत्री बने। बतौर मंत्री उनका परफार्मेस शानदार रहा । स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होंने सरकारी डॉक्टरों की प्राईवेट प्रैक्टिस पर सख्ती से रोक लगायी, जिसकी आज भी पूरे प्रदेश में प्रशंसा होती है।

वर्ष 2002 से वर्ष 2007 तथा वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक रानीखेत विधान सभा का पुनः प्रतिनिधित्व कर उत्तराखण्ड विधान सभा में रानीखेत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया तथा 18 मई, 2012 से 15 मार्च 2017 तक उत्तराखण्ड विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। वर्ष 2015 में अजय भट्ट को नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ सर्व सहमति से भाजपा उत्तराखण्ड प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष की दोहरी जिम्मेदारी भी दी गयी।

अजय भट्ट ने दोहरी जिम्मेदारी को कुशलता पूर्वक निभाते हुए बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का कार्य किया, जिसका परिणाम रहा कि प्रदेश में भाजपा ने 57 सीटों पर परचम लहराकर एक मजबूत सरकार बनायी, केन्द्रीय शीर्ष नेतृत्व ने इनकी लोकप्रियता तथा बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं में पकड़ होने के कारण इनके प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था, जो 16 जनवरी, 2020 को समाप्त हुआ।

अजय भट्ट वर्ष 2019 में 17वीं लोकसभा में नैनीताल ऊधमसिंहनगर वे पहली बार सांसद चुने गयें, इस चुनाव में उन्होंने उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जैसे दिग्गज को लगभग साढ़े तीन लाख वोटो से हराकर अपनी लोकप्रियता का डंका बजा दिया तथा प्रदेश में सबसे ज्यादा मतो से जीतने वाले सांसद बने।

बतौर सांसद अजय भट्ट ने पहले कार्यकाल में ही दिखा दिया कि वे सदन के कार्यों में खासे सक्रिय है। उन्होंने सत्रो के दौरान सदन में उत्तराखण्ड से जुड़े मुद्दों को गम्भीरता से उठाकर अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली का सिक्का जमा लिया। वे संसद की बहसों और विशेष उल्लेखित चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी निभाते है । उन्होंने राज्य की मूलभूत जरुरत जैसे स्वास्थ्य, सड़क परिवहन और रेलवे आदि से सम्बन्धित कई प्रश्नों को सदन के पटल पर रखा। सदन में उनकी उपस्थिति भी शानदार रही है, जिस कारण उनको ससंद में रक्षा समिति, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, परामर्शदात्री समिति एवं प्राकलन समिति का सदस्य बनाया गया है. जिसका वे काफी कुशलता पूर्वक निर्वहन कर रहे है।

अजय भट्ट सामाजिक जीवन में काफी सक्रिय रहे है। वे लगातार 10 वर्षो तक सरकारी श्रमिक संघ को-आपरेटिव ड्रग फैक्ट्री रानीखेत के अध्यक्ष रहे। वे नागरिक सुरक्षा परिषद, राष्ट्रीय ग्रामोत्थान परिषद, उत्तरॉचल हरिजन शिल्प कला उत्थान, नुपूर कला एवं खेल संस्थान, बाल्मिकी समाज, संयोजक श्रीराम कार सेवा समिति, अम्बेडकर मिशन जैसे कई संस्थाओं से जुड़े है तथा कई संस्थाओं में मिली जिम्मेदारियों का आज भी कुशलता पूर्वक निर्वहन कर रहे है।

उन्होंने अपने उत्तर प्रदेश के विधायकी कार्यकाल में कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड, थाईलैण्ड एवं उत्तराखण्ड के विधायकी कार्यकाल में संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेश यात्रा भी की है।

विशेषता विषय की समझ और गम्भीरता से सदन पटल पर रखने की कला संसद में उत्तराखण्ड की सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा ओर पलायन से जुड़े जरुरी मुद्दों को मजबूती से उठाते है। संसदीय क्षेत्र में विकास के लिए सक्रिय।

फेम इण्डिया एशिया पोस्ट ” श्रेष्ठ सांसद सर्वे में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता, सदन में उपस्थिति, बहस में हिस्सा, प्राईवेट बिल, सदन में प्रश्न, सांसद निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदण्डों पर किये गये सर्वे में अजय भट्ट विलक्षण कैटेगरी में आज भी प्रथम स्थान पर विराजमान है।

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