पति की शहादत का बदला लेगी निकिता, जानिए कौन है निकिता और कैसे लड़ेगी जंग

Dehradun Resident Nikita Kaul Dhaundiyal Become Army Officer Today

Nikita kaul

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंढियाल की पत्नी निकिता कौल ढौंढियाल अब पति की शहादत का बदला लेगी। निकिता शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई(ota chennai) से पासआउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बन गईं।

18 फरवरी 2019 को एक सैन्य अभियान में देहरादून निवासी मेजर विभूति ढौंढियाल शहीद हो गए थे। वह बहुत बहादुर अफसर थे। शादी के बमुश्किल एक साल बाद ही पत्नी निकिता से जुदा होने की खबर सुनकर हर किसी की आंख में आंसू आ गए थे। लेकिन निकिता अपने पति की तरह ही बहादुर निकली। उन्होंने फौज में जाने का फैसला लिया। शनिवार को अफसर बनने के बाद उन्हें बेहद गर्व की अनुभूति हुई।

निकिता ने दिसंबर 2019 में इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम(wes) की परीक्षा दी थी। जिसमें वह पास हो गई थीं। इसके बाद चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से निकिता को कॉल लेटर आया। ट्रेनिंग पूरी कर निकिता 29 मई को ओटीए की पासिंग आउट परेड में बतौर लेफ्टिनेंट आधिकारिक रूप से सेना में शामिल हो गईं।

सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने तमिलनाडु के चेन्नई में अधिकारियों की प्रशिक्षण अकादमी में उनके कंधों पर स्टार लगाए। रक्षा मंत्रालय, उधमपुर के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस समारोह का एक वीडियो साझा किया।

पीआरओ ऊधमपुर ने ट्वीट किया, ‘पुलवामा में प्राण न्योछावर करने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि देते हुए आज उनकी पत्नी निकिता कौल ने सेना की वर्दी पहन ली। यह उनके लिए गर्व का मौका होगा, क्योंकि सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट वाई के जोशी ने उनके कंधे पर स्टार लगाए।’

18 अप्रैल 2018 को हुई थी शादी
मेजर विभूति की शादी 18 अप्रैल 2018 को हुई थी। 19 अप्रैल को पहली बार पत्नी निकिता को लेकर वह डंगवाल मार्ग स्थित अपने घर पहुंचे थे। इसके ठीक दस माह बाद मेजर विभूति शहीद हो गए थे। विभूति के पिता स्व. ओमप्रकाश ढौंडियाल के चार बच्चे थे। इनमें तीन बेटियां और सबसे छोटा बेटा विभूति था। शहीद मेजर विभूति को बचपन से ही सेना में जाने का जुनून था। कक्षा सात से ही विभूति ने सेना में जाने की कोशिशें शुरू कर दी थीं। जब वे सातवीं कक्षा में थे तब उन्होंने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में भर्ती की परीक्षा दी। लेकिन चयन नहीं हुआ। 12वीं में एनडीए की परीक्षा दी। लेकिन चयन नहीं हुआ। ग्रेजुएशन के बाद उनका चयन हुआ और ओटीए चेन्नई में प्रशिक्षण हासिल किया। वर्ष 2012 में पासआउट होकर उन्होंने कमीशन प्राप्त किया।

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