उत्तराखंड में भर्तियों पर आयोग के अध्यक्ष का उम्मीदवारों के नाम खुला पत्र

UKSSSC Chairman S Raju : सोशल मीडिया में फैल रही अफवाहों को दिया विराम, कहा-दोषी बख्शे नहीं जाएंगे

badi khabar

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(uksssc) के अध्यक्ष एस राजू ने ऑनलाइन परीक्षाओं पर उठ रहे सवालों को लेकर एक खुला पत्र उम्मीदवारों के नाम जारी किया है। उन्होंने कहा कि जो भी इस तरह से आयोग और सरकार की छवि को धूमिल करेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

1. यह देखने में आया है कि नकल माफिया ऑफलाइन परीक्षाओं को दूषित करने के लिए बेतहाशा प्रयास करते रहे हैं और अब ऑनलाइन यानी, कम्प्यूटर आधारित परीक्षाओं को भी प्रदूषित करने के लिए प्रयासरत हैं। कई ऑफलाइन परीक्षाओं में उन्होंने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया। आयोग ने ऐसे धोखाधड़ी के तीन प्रयासों को पकड़ा और अभियुक्तों के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज करायी, लेकिन फिर भी वे ब्लूटूथ का इस्तेमाल करने में कामयाब रहे। इस मामले में प्रश्न पत्र परीक्षा केन्द्र से परीक्षा प्रारंभ के बीस मिनट प बाहर भेजा गया था जो कि नकल माफियाओं द्वारा चिन्हित सभी अभ्यर्थियों तक नहीं पहुंच पाया । सामान्यतः प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्न पत्र लीक होने के मामले प्रकाश में आते हैं, जिसमें पर्याप्त समय मिलने पर सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाते हैं, परन्तु आयोग में अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं हुआ है। आयोग ने पुलिस के सहयोग से सभी नकल में शामिल अभ्यर्थियों को चिन्हित किया बहरहाल नकल को रोकने के लिए आयोग ने जांच प्रक्रिया (Frisking) को कड़ा किया और मोबाइल जैमरों की संख्या में बढ़ोतरी की। कम्प्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) का मकसद ही यह है कि इस तरह की धोखाधड़ी की आशंका को न्यूनतम किया जाय और साथ ही उम्मीदवारों को उत्तर देने में सहूलियत दी जाय, किन्तु जब नकल माफिया ने नकल कराने में कठिनाई महसूस की तो उन्होंने कम्प्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) की प्रक्रिया को ही बदनाम करने के लिए अभियान छेड़ दिया ।

2. दूसरी ओर बदनाम करने के इस अभियान में कुछ दिगभ्रमित युवाओं की भागीगादी का मुझे दुखः है। हितधारकों का मेनिपुलेटेड ऑडियो, सोशियल मीडिया पर चलाया गया। कम्प्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) परीक्षा संचालित करने में सहयोग कर रही एजेन्सी को ब्लैक लिस्टेड बताकर आयोग व राज्य सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। यहां तक कि आयोग के अधिकारियों के खिलाफ एफ0आई0आर दर्ज करायी गई। कुछ उम्मीदवार कम्पनी पर ब्लैक लिस्ट होने का आरोप लगाते हुए आयोजित परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल में गये, इस याचिका को मा० उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया है। आयोग के सचिव श्री संतोष बडोनी परीक्षार्थियों से बिना किसी रुकावट के मिलकर उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास करते हैं, लेकिन उनकी इस सर्व सुलभता एवं पारदर्शिता का भी इन दिग्भ्रमित युवाओं ने लाभ उठाने की कोशिश की । उन्होंने ऐसा क्यों किया, यह जानने के लिए आयोग ने इन लोगों को नोटिस जारी किया । हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सोच रहे हैं, क्योंकि ऐसे नकारात्मक अभियान आयोग के अधिकारियों के मनोबल को कम करने के साथ-साथ अन्ततः योग्य उम्मीदवारों के हितों को नुकसान पहुंचाते हैं।

3. अब मैं इस तथ्य की तरफ आपका ध्यान खींचना चाहता हूँ कि क्यों कम्प्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) और ऑफलाइन परीक्षा, दोनों का युग्म उपयोग में लाया जा रहा है । कम्प्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) के जरिये नियुक्ति की गति को तीन गुना तक किया जा सकता है। यह पाया गया है कि CBT के जरिये 3 से 4 माह के अन्दर परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सकता है, जबकि ऑफलाइन परीक्षा में परिणाम निकलने में कम से कम 6 से 7 महीने लगते हैं। आयोग ने दिसम्बर, 2022 तक विभिन्न प्रकृति के कम से 10 हजार पदों के लिए उम्मीदवारों के चयन का लक्ष्य रखा है और यह लक्ष्य बिना ऑनलाइन परीक्षाओं के सम्भव नहीं है।

4. आयोग की ऑनलाइन परीक्षायें एक ऐसी कम्पनी ले रही है जो देश में सबसे अधिक परीक्षायें कराने वाली दूसरे नम्बर की कम्पनी है। यह भारत सरकार द्वारा विनियमित National Stock Exchange की शाखा है। आयोग के काम के लिए इसका चयन खुली निविदा प्रक्रिया द्वारा किया गया है। निविदादाताओं से चयन के समय इस आशय का शपथ पत्र लिया गया था कि वे कहीं भी ब्लैक लिस्टेड नहीं हैं। हाल में ब्लैक लिस्टेड सम्बन्धी मीडिया रिपोर्ट के बाद कम्पनी ने फिर से स्पष्ट किया है कि वह वर्ष 1999 में अपने अस्तित्व में आने के बाद से कभी भी ब्लैक लिस्टेड (Black Listed) नहीं रही है। यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस की भर्ती में इस कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग की भार्तियों की परीक्षायें अभी भी इसी कम्पनी द्वारा करायी जा रही हैं।

5. देश में केन्द्र सरकार की शत प्रतिशत परीक्षायें ऑनलाइन हो रही हैं। राज्यों में भी 50 प्रतिशत परीक्षायें ऑनलाइन ली जा रही हैं।

6. परंपरागत ऑफलाइन के मुकाबले कम्प्यूटर आधारित परीक्षाओं (CBT) के अनेक फायदे हैं। 61. इसमें चूंकि कागज का इस्तेमाल नहीं होता है, इसलिए प्रश्नपत्र के लीक होने की आशंका न्यूनतम है। प्रश्नपत्रों और ओ०एम०आर० सीट को इधर से उधर नहीं ले जाना पड़ता, इसलिए प्रश्न पत्र लीक होने के अवसर समाप्त हो जाते हैं।

6.2. प्रश्न पत्र लीक होने का अंदेशा तभी हो सकता है जबकि कम्पनी का सेन्ट्रल सर्वर हैक हो जाय ।

6.3. यह सेन्ट्रल सर्वर किसी बड़े शहर में होता है जहां से प्रश्न पत्र परीक्षा से केवल दो घण्टे पहले यह परीक्षा केन्द्रों को ट्रांसमिट होता है और उम्मीदवार के डैस्क पर यह तभी डीकोड होता है जब उम्मीदवार इस पर लॉगइन (Login) करता है तब तक यह एनकेप्टेड (encrypted) रूप में रहता है और हैक (hack) हो जाने की स्थिति में भी सामान्य हिन्दी / अंग्रेजी में नहीं पढ़ा जा सकता है।

6.4. प्रत्येक डेस्क्टॉप में प्रश्नों का अलग सीक्वेंस यानी क्रम होता है।

6.5. प्रत्येक परीक्षा कक्ष में वीडियो कैमरे लगाये रहते हैं, जिनकी रिकार्डिंग का किसी प्रकार शिकायत की स्थिति में अवलोकन किया जा सकता है।

6.6. केन्द्रों की निगरानी के लिए प्रत्येक केन्द्र में जिला मजिस्ट्रेट और सूचना एवं प्रोद्यौगिकी विकास एजेन्सी (ITDA) द्वारा नामित पर्यवेक्षक तैनात रहते हैं। ITDA के इन्जीनियर साफ्टवेयर और कम्प्यूटर संचालन में प्रशिक्षित होते हैं।

6.7. माउस का प्रत्येक मूवमैन्ट रिकार्ड होकर आयोग द्वारा प्राप्त किया जाता है, ताकि किसी भी अनियमितता का पता लगाया जा सके। यह अनुभवसिद्ध है कि उम्मीदवारों के पास ऑनलाइन परीक्षा में अपने उत्तरों के संशोधन के लिए लगभग आधा घण्टे का समय बच जाता है।

6.9. ऑफलाइन परीक्षा में जहां ओ०एम०आर० सीट में अंकित उत्तर को संशोधित करना संभव नहीं होता, वहां CBT टेस्ट में परीक्षा के दौरान उत्तर कभी भी संशोधित किया जा सकता है।

निहित स्वार्थी द्वारा अभ्यर्थियों के दिमाग में एक बात यह डाली गई है कि नार्मलाइजेशन से उनको नुकसान होगा। उनको यह भ्रमित किया गया है कि नार्मलाइजेशन प्रक्रिया से वास्तविक अंक और नार्मलाइज्ड अंक में भारी अन्तर होता है, जबकि वस्तुतः यह सही नहीं है।

3. नार्मलाइजेशन (Normalisation) इसलिए किया जाता है कि सभी पालियों में प्रश्न पत्रों का कठिनाई-स्तर एक जैसा होना संभव नहीं है, और उनके इस स्तर में अन्तर का होना स्वाभाविक है। आप इस बात से सहमत होंगे कि अगर आपको भी अलग-अलग समय में एक ही परीक्षा देने को कहा जाय तो प्राप्त अंकों की संख्या अलग होगी।

3. एक खतरनाक विचार यह फैलाया जा रहा है कि आफलाइन परीक्षा राज्य के हर विद्यालय और महाविद्यालय में आयोजित हो सकती है, जबकि ऐसा किया जाना वस्तुतः संभव नहीं है, क्योंकि कई विद्यालयों में बैठने की भी सही व्यवस्था नहीं होती है। विश्वविद्यालय या बोर्ड की परीक्षाओं तथा रोजगारपरक परीक्षाओं में भारी अन्तर होता है। बोर्ड परीक्षायें पूरी तरह या आंशिक रूप से रद्द करनी अपेक्षाकृत आसान होती हैं व त्रुटियों का अधिक स्तर भी सह्य हो सकता है लेकिन रोजगारपरक परीक्षाओं में त्रुटि का स्तर शून्य ही रखना होता है। आप सभी भिज्ञ हैं कि कभी-कभी एक छोटी सी त्रुटि के कारण परीक्षा परिणाम में 5 से 10 वर्ष तक का बिलम्ब हो जाता है। सुरक्षा और सघन पर्यवेक्षण के लिए यह जरूरी है कि परीक्षा चुनिंदा केन्द्रों में ही की जाय, खास तौर पर जिला मुख्यालयों पर परीक्षा हो, ताकि वहां पर जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निकट से नजर रख सकें । अगर

2.50 लाख जैसी बड़ी संख्या में उम्मीदवार परीक्षा दे रहे हों तो ऑफलाइन परीक्षाओं में भी एक से अधिक पाली में परीक्षा आवश्यक हो जाती है और इस तरह नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया भी अपरिहार्य हो जाती है। ऑनलाइन परीक्षा और नार्मलाइजेशन के खिलाफ अभियान चलाने का नकल माफिया का मन्तव्य यही होता है कि परीक्षायें कमजोर पर्यवेक्षण और कम नियंत्रण वाले स्थान पर हों, क्योंकि ऐसी ढीलीढाली परिस्थितियों में पेपर लीक व बड़े पैमाने पर नकल कराना आसान होता है। दूसरे, असमाजिक तत्व परीक्षा की गति को धीमा कराना चाहते हैं ताकि उसमें 2 से 5 वर्ष तक लग जायें, जिससे छद्म संस्थाओं को फायदा हो सके । इस लेट लतीफी से योग्य उम्मीदवारों का केवल नुकसान ही होता है।

10. परीक्षार्थियों को नार्मलाइजेशन का फार्मूला समझना जरूरी । जैसा कि परिशिष्ट-2 में दिया गया है, गणना का फार्मूला यह है कि प्रत्येक पाली के औसत अंक और सभी अभ्यर्थियों के औसत अंकों से एक सामान्य औसत निकाला जाता है। कठिनतर पालियों के नार्मलाइज्ड अंक वास्तविक अंकों से अधिक होते हैं और आसान पालियों के नार्मलाइज्ड अंक कम होते हैं। इसके लिए जरूरी है कि अभ्यर्थियों के बैच यानी समूहों में कमोवेश एक सी बुद्धिमत्ता हो । यह सुनिश्चित करने के लिए आयोग काफी मेहनत करता है। इसके लिए परीक्षा केन्द्रों का आवंटन एक साफ्टवेयर के द्वारा किया जाता है। इसके लिए अभ्यर्थियों द्वारा स्कूल, कालेज में प्राप्त किये अंकों पर विचार कर एक बुद्धिमत्ता इन्डैक्स (Capability Index) का आंकलन किया जाता है। उम्मीदवारों का वितरण इस तरह किया जाता है कि प्रत्येक केन्द्र और पाली में एक सी बुद्धिमत्ता इन्डैक्स के अभ्यर्थी हों। प्रत्येक केन्द्र में आरक्षित और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का वितरण भी समान रूप से किया जाता है। देश की कई ऑनलाइन परीक्षाओं में इस तरह की शेड्यूलिंग इतनी सावधानीपूर्वक नहीं की जाती है जिससे नार्मलाइजेशन में विचलन का स्तर +/- 40 अंक तक हो जाता है, लेकिन इस आयोग में इस पक्ष पर पूरा ध्यान दिया जाता है।

अब एक से अधिक पाली की परीक्षायें बढ़ती जा रही हैं। अतः नार्मलाइजेशन को रखना भी अनिवार्य है। मुझे विश्वास है कि पिछले कुछ वर्षों में आयोग द्वारा पूर्ण पारदर्शिता व शून्य भ्रष्टाचार की नीति से कराये गये चयनों को अभ्यर्थी स्वयं जानते हैं। अतः अनर्गल बातों से उन्हें कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा व वे आयोग की चयन प्रक्रिया पर भरोसा कर पूर्ण अनुशासन से चयन प्रक्रिया में भागीदारी करते रहेंगे व ऐसे झूठे अभियानों का समर्थन नहीं करेंगे।

Read Also : लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह बने उत्तराखंड के राज्यपाल

यह भी पढ़ें-

देश की टॉप-100 यूनिवर्सिटी में फिर शामिल हुआ उत्तराखंड का यह विवि

डीएवी पीजी कॉलेज की पहली मेरिट हुई जारी, यहां देखें

अब ये गाड़ियां खरीदने पर उत्तराखंड सरकार देगी 50 हजार रुपये

नवंबर-दिसंबर में होंगी एसएससी की यह चार अहम परीक्षाएं

नीट, जेईई, एनडीए, यूपीएससी, सीडीएस की फ्री कोचिंग का मौका

Read Also : नीट यूजी के एडमिट कार्ड जारी, यहां से करें डाउनलोड

यह भी पढ़ें- देहरादून का श्री महंत इंदिरेश अस्पताल उत्तर भारत में पहले स्थान पर

आरएमएस सीईटी के एडमिट कार्ड जारी, क्लिक करें

उत्तराखंड फॉरेस्ट गार्ड भर्ती का रिजल्ट जारी, यहां देखें

Read Also : उत्तराखंड टीईटी के लिए आवेदन हुए शुरू, क्लिक करें

Read Also : उत्तर प्रदेश में 284 पदों पर निकली भर्ती, क्लिक करें

Read Also : एडमिशन में गड़बड़ी करने पर फंसे उत्तराखंड के 08 कॉलेज संचालक

Read Also : 01 सितम्बर से खुलेंगे उत्तराखंड के कॉलेज-यूनिवर्सिटी, यह हैं नियम

Read Also : उत्तराखंड में बढ़ेंगे पीसीएस के पद, दोबारा शुरू होंगे आवेदन

Read Also : 10 वीं पास युवाओं के लिए यहां आया 4264 पदों पर भर्ती का मौका
Read Also : उत्तराखंड सरकार खिलाड़ियों को देगी सरकारी नौकरी और स्कॉलरशिप

Read Also : 10वीं पास युवाओं के लिए उत्तराखंड में निकली 581 भर्तियां

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में इन तीन बड़ी भर्तियों में आवेदन की डेट और अधिकतम आयु सीमा बढ़ी

उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खबर, सरकार ने दी एक और बड़ी राहत
गढ़वाल विवि के बाद उत्तराखंड का यह विवि भी बनेगा केंद्रीय

Read Also:-

उत्तराखंड में पहली बार वन विभाग में निकली 56 महिला ड्राईवरों की भर्ती

उत्तराखंड के कर्मचारियों को मिलेगा 28 प्रतिशत डीए

ग्राफिक एरा की इन दो स्टूडेंट्स को मिला बंपर प्लेसमेंट ऑफर

यूकेएसएससी एग्जाम कैलेंडर जारी, यहां देखें परीक्षाओं की डेट्स

यह भी पढ़ें-

उत्तराखंड एपीओ भर्ती के आवेदन की डेट बढ़ी

10वीं के बाद क्या करें, जिससे आसान हो जाएगी नौकरी की राह

एमकेपी में शुरू हुई एडमिशन प्रक्रिया, क्लिक करें

यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया गया उत्तराखंड की इस यूनिवर्सिटी का ध्वज

उत्तराखंड में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती का मौका, पूरी डिटेल यहां देखें

उत्तराखंड ड्राफ्ट्समैन भर्ती का सिलेबस जारी, यहां देखें

एसएससी एग्जाम देने जा रहे युवा जरूर पढ़ें यह खबर, वरना होगी मुश्किल

उत्तराखंड पीसीएस से जुड़ी बड़ी खबर, पदों की संख्या बढ़ी

यूकेएसएसएससी की इन दो परीक्षाओं में इतने आवेदन, परीक्षा करानी हुई मुश्किल

उत्तराखंड में 306 पदों पर निकली एक और बड़ी भर्ती

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में दाखिले का मौका, यहां देखें जानकारी

यूनियन बैंक में आया 347 पदों पर भर्ती का मौका

उत्तराखंड पीसीएस के आवेदन शुरू, सिलेबस सहित पूरी जानकारी के लिए क्लिक करें

उत्तराखंड में फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर भर्ती की आवेदन प्रक्रिया शुरू

ग्रेजुएशन पास युवाओं के लिए आईडीबीआई बैंक में 920 पदों पर भर्ती का मौका

उत्तराखंड लोवर पीसीएस भर्ती के आवेदन शुरू, यहां क्लिक करें

यहां आया 129 पदों पर भर्ती का सुनहरा मौका

उत्तराखंड में एलएलबी पास युवाओं के लिए एपीओ भर्ती, क्लिक करें

सरकारी नौकरी की और अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें

Uttarakhand Board Exam 2022 के फॉर्म भरने की डेट बढ़ी, यहां देखें पूरी जानकारी

काम की बात : उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों की शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर जारी

मौका : किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के आवेदन शुरू, जल्दी करें

UGC हर स्टूडेंट का बनाएगा एकेडमिक क्रेडिट बैंक खाता, यहां समझें यूजीसी की एबीसी

10वीं पास युवाओं के लिए 25 हजार से अधिक पदों पर निकली भर्ती

एनडीए एग्जाम के आवेदन करने वाले 211 कैंडिडेट्स रिजेक्ट, लिस्ट यहां देखें

नाबार्ड में 162 पदों पर निकली अहम भर्ती

यूपी में डीएलएड की दो लाख 42 हजार सीटों के लिए 20 से आवेदन

उत्तराखंड लैब असिस्टेंट भर्ती का सिलेबस हुआ जारी

देश के 11 बैंकों में निकली क्लर्क की बड़ी भर्ती

10वीं, 12वीं पास युवाओं के लिए इस मंत्रालय में 458 पदों पर भर्ती का मौका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *