उत्तराखंड पीसीएस के आवेदन हुए शुरू, पीसीएस सिलेबस सहित पूरी जानकारी यहां देखें

Uttarakhand PCS Exam 2021(उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा 2021) : 30 अगस्त 2021 तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

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उत्तराखंड में उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2021 यानी उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा(Uttarakhand PCS Exam 2021) के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग(UKPSC) ने इसके आवेदन की लास्ट डेट 30 अगस्त 2021 तय की है। अगर आप भी पीसीएस अफसर बनना चाहते हैं तो इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

 

पदों का विवरण

कुल पदों की संख्याः 224 पद

पुलिस उपाधीक्षक, गृह विभाग – 10 पद

वित्त अधिकारी, वित्त विभाग – 18 पद

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, परिवहन विभाग – 11 पद

सहायक निदेशक उद्योग, एमएसएमई – 17 पद

जिला पूर्ति अधिकारी – 04 पद

उप संभागीय विपणन अधिकारी, आप‌ूर्ति विभाग – 03 पद

खंड विकास अधिकारी, ग्राम्य विकास अधिकारी – 28 पद

सहायक निबंधक, सहकारिता विभाग – 07 पद

सहायक श्रमायुक्त, श्रम विभाग – 02 पद

सहायक निदेशक कारखाना, श्रम विभाग – 04 पद

सहायक गन्ना आयुक्त – 01 पद

उप शिक्षा अधिकारी, स्टाफ ऑफिसर, शिक्षा विभाग – 31 पद

सहायक निदेशक मत्स्य, पशुपालन विभाग – 03 पद

सहायक निदेशक, संस्कृत शिक्षा विभाग – 04 पद

जिला पर्यटन विकास अधिकारी, पर्यटन विभाग – 01 पद

प्रचार अधिकारी, पर्यटन विभाग – 01 पद

सहायक निदेशक/कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि विभाग – 03 पद

सहायक निदेशक सांख्यिकी, कृषि विभाग – 01 पद

सहायक निदेशक/कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि विभाग – 01 पद

सहायक निदेशक, रसायन, कृषि विभाग – 02 पद

सहायक निदेशक उद्यान, उद्यान विभाग – 02 पद

खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी, उद्यान विभाग – 03 पद

उद्यान विकास अधिकारी, उद्यान विभाग – 20 पद

पौध सुरक्षा अधिकारी, उद्यान विभाग – 03 पद

मशरूम विकास अधिकारी, उद्यान विभाग – 02 पद

सहायक निदेशक रसायन, उद्यान विभाग – 01 पद

सहायक निदेशक वनस्पति विज्ञान, उद्यान विभाग – 04 पद

सांख्यिकी अधिकारी, उद्यान विभाग – 01 पद

सूचना अधिकारी, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग – 12 पद

परिवहन कर अधिकारी-1, परिवहन विभाग – 05 पद

बाल विकास परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग – 19 पद

 

पदवार यह योग्यता जरूरी

पुलिस उपाधीक्षक – आवेदक का किसी मान्यता प्राप्त विवि से ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है। शारीरिक मानकों के नियमों के हिसाब से भी खुद को साबित करना होगा। पूरी जानकारी नीचे दिए गए नोटिफिकेशन के लिंक पर क्लिक कर देखें।

वित्त अधिकारी – आवेदक किसी मान्यता प्राप्त विवि से ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है।

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी – आवेदक किसी मान्यता प्राप्त विवि से ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।

सहायक निदेशक उद्योग – आवेदक किसी मान्यता प्राप्त विवि से ग्रेजुएट होना चाहिए।

जिला पूर्ति अधिकारी – आवेदक किसी मान्यता प्राप्त विवि से ग्रेजुएट हो।

उप संभागीय विपणन अधिकारी – आवेदक ग्रेजुएशन पास हो। इसके साथ ही उसे देवनागरी लिपि में हिंदी का ज्ञान होना चाहिए।

खंड विकास अधिकारी – आवेदक ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।

सहायक निबंधक – आवेदक ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है।

सहायक श्रमायुक्त – आवेदक अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, वाणिज्य, विधि, श्रम संबंध, श्रम कल्याण, श्रम विधि, व्यापार प्रबंध, कार्मिक प्रबंध में से किसी एक विषय के साथ ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है।

सहायक निदेशक कारखाना – आवेदक मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक होना जरूरी है।

सहायक गन्ना आयुक्त – आवेदक किसी मान्यता प्राप्त विवि से एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है।

उप शिक्षा अधिकारी – आवेदक पोस्ट ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।

सहायक निदेशक मत्स्य – आवेदक मत्स्य पालन में विशेषज्ञता के साथ प्राणि विज्ञान में एमएससी हो या सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज मुंबई से दो वर्ष के डिप्लोमा के साथ केमिस्ट्री, प्राणि विज्ञान एवं बॉटनी के साथ बीएससी पास हो। या पंतनगर विवि से मात्सियकी विज्ञान में चार वर्ष की ग्रेजुएशन डिग्री धारक हो।

सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा – आवेदक प्राच्य भाषा संस्कृत में आचार्य हो।

जिला पर्यटन विकास ‌अधिकारी – आवेदक पर्यटन,होटल मैनेजमेंट या सामूहिक संचार में ग्रेजुएशन पास हो। आवेदक को हिंदी अंग्रेजी, पढ़ने-लिखने व बात करने के साथ ही कंप्यूटर का ज्ञान होना चाहिए।

प्रचार अधिकारी पर्यटन विभाग – आवेदक जनसंपर्क या पत्रकारिता में ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।

सहायक निदेशक कृषि – आवेदक एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन पास हो।

सहायक निदेशक सांख्यिकी – आवेदक गणित या सांख्यिकी में पीजी पास होना चाहिए।

सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण – आवेदक कृषि अभियंत्रण में ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।

सहायक निदेशक रसायन – आवेदक रसायन विज्ञान, मृदा विज्ञान में पीजी होना चाहिए।

सहायक निदेशक उद्यान – आवेदक एग्रीकल्चर में पीजी हो या एमएससी पास हो।

खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी – आवेदक बीएससी एग्रीकल्चर हो या 15 माह का पीजी डिप्लोमा धारक हो।

उद्यान विकास अधिकारी – आवेदक बीएससी एग्रीकल्चर पास हो।

पौध सुरक्षा अधिकारी – आवेदक एमएससी एग्रीकल्चर पास हो।

मशरूम विकास अधिकारी – आवेदक एमएससी एग्रीकल्चर पास हो।

सहायक निदेशक रसायन –  आवेदक एमएससी एग्रीकल्चर या एमएससी विज्ञान पास हो।

सहायक निदेशक वनस्पति विज्ञान – आवेदक एमएससी एग्रीकल्चर या एमएससी साइंस पास हो।

सांख्यिकी अधिकारी – आवेदक गणित या सांख्यिकी में ग्रेजुएशन पास हो।

सूचना अधिकारी- आवेदक किसी भी विषय या पत्रकारिता में ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।

परिवहन कर अधिकारी – आवेदक ग्रेजुएशन पास हो और उसे देवनागरी लिपि में हिंदी का ज्ञान होना चाहिए।

बाल विकास परियोजना अधिकारी – आवेदक सोशल वर्क या होम साइंस या समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।

(नोटः- सभी पदों के लिए आयु 01 जुलाई 2021 को 21 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग का नियमानुसार आयु में छूट प्रदान की जाएगी।)

 

आवेदन शुल्क

जनरल, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस – 176.55 रुपये

एससी, एसटी – 86.55 रुपये

दिव्यांग – 26.55 रुपये

 

ऐसे होगा चयन

आवेदकों को पहले पीसीएस प्री परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद पीसीएस मुख्य परीक्षा होगी और इसके बाद इंटरव्यू होगा।

 

यहां होगी उत्तराखंड पीसीएस प्री परीक्षा(uttarakhand PCS Pre Exam Centre)

अल्मोड़ा

रानीखेत

चंपावत

पिथौरागढ़

नैनीताल

हल्द्वानी

रुद्रपुर

खटीमा

बागेश्वर

पौड़ी

श्रीनगर

कोटद्वार

गोपेश्वर

नई टिहरी

रुद्रप्रयाग

उत्तरकाशी

देहरादून

ऋषिकेश

हरिद्वार

रुड़की

 

Important Dates

ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की डेट – 10 अगस्त 2021

ऑनलाइन आवेदन की लास्ट डेट – 30 अगस्त 2021

ऑनलाइन फीस जमा कराने की लास्ट डेट – 30 अगस्त 2021

 

यह है उत्तराखंड पीसीएस प्री परीक्षा पैटर्न(Uttarakhand PCS Pre Exam Pattern)

इसमें दो पेपर होंगे। पहला पेपर सामान्य अध्ययन का होगा, जिसमें 150 अंकों के 150 सवाल पूछे जाएंगे। इसके लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा। दूसरा पेपर जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट होगा, जिसमें 150 अंकों के 100 सवाल पूछे जाएंगे। इसके लिए भी दो घंटे का समय दिया जाएगा।

 

यह है उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा पैटर्न(Uttarakhand PCS Main Exam Pattern)

इसमें 1500 अंकों के कुल सात पेपर होंगे।

पहला पेपर, लैंग्वेज का होगा, जिसके लिए 300 अंक निर्धारित हैं। इसे तीन घंटे में हल करना होगा।

दूसरा पेपर, भारत का इतिहास, राष्ट्रीय आंदोलन, समाज एवं संस्कृति का होगा, जिसके लिए 200 अंक निर्धारित हैं। इसे तीन घंटे में हल करना होगा।

तीसरा पेपर, भारतीय राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध का होगा। इसके लिए 200 अंक और तीन घंटे निर्धारित हैं।

चौथा पेपर, भारत एवं विश्व का भूगोल का होगा। इसके लिए 200 अंक और तीन घंटे निर्धारित हैं।

पांचवां पेपर, आर्थिक एवं सामाजिक विकास का होगा। इसके लिए 200 अंक, तीन घंटे निर्धारित हैं।

छठा पेपर, सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का होगा। इसके लिए 200 अंक, ‌तीन घंटे निर्धारित हैं।

सातवां पेपर, जनरल एप्टीट्यूड एवं इथिक्स का होगा। इसके लिए 200 अंक और तीन घंटे का समय दिया जाएगा।

(नोटः- यह सभी पेपर अनिवार्य हैं। भाषा के पेपर में कम से कम 35 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे।)

 

इंटरव्यू – इसके लिए आयोग ने 200 अंक निर्धारित किए हैं।

 

यह है उत्तराखंड पीसीएस प्री परीक्षा का सिलेबस(Uttarakhand PCS Pre Exam Syllabus)

उत्तराखण्ड राज्य सम्मिलित सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक परीक्षापाठयक्रम

प्रश्न पत्र प्रथम (प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का

समय अवधि 02 घण्टे

सामान्य अध्ययन (वस्तुनिष्ठ प्रकार)

यूनिट 1

पूर्णांक 150

भारत का इतिहास, संस्कृति एवं राष्ट्रीय आन्दोलन प्रागैतिहासिक काल – हड़प्पा सभ्यता, वैदिक सभ्यता और संगम युग, महाजनपद और मगध का उत्कर्ष, धार्मिक

आंदोलन जैनधर्म, बौद्ध धर्म, भागवत एवं शैव मत, पारसी एवं यूनानी संपर्क और संबंधित अन्य पहलू मौर्य साम्राज्य चन्द्रगुप्त मौर्य, अशोक और उसका धम्म मौर्यकालीन प्रशासन, अर्थव्यवस्था, समाज एवं कला, कुषाण

और संबंधित अन्य पहलू।

गुप्त साम्राज्य स्थापना, सुदृढीकरण एवं पतन, चन्द्रगुप्त प्रथम समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त द्वितीय, स्कन्दगुप्त, गुप्तकाली प्रशासन, समाज, अर्थव्यवस्था, साहित्य एवं कला और संबंधित अन्य पहलू उत्तर- गुप्त काल हर्षवर्द्धन, पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट, चोल, पल्लव, चन्देल, परमार चौहान, 650 ई0 से 1200 ई० के

मध्य सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास और संबंधित अन्य पहलू भारत में इस्लाम का आगमन इल्तुतमिश, बलबन, अलाउद्दीन खिलजी मुहम्मद बिन तुगलक, फिरोज तुगलक, सिकन्दर लोदी और इब्राहीम लोदी, दिल्ली सल्तनतकालीन प्रशासन, दिल्ली सल्तनत के पतन के कारण समाज और अर्थव्यवस्था, इंडो-इस्लामिक वास्तुकला, विजयनगर साम्राज्य, सूफीमत और भक्ति आंदोलन और संबंधित अन्य पहलू

मुगल साम्राज्य बाबर, शेरशाह सूरी, अकबर शाहजहों औरंगजेब और मुगल साम्राज्य का पतन, मुगल प्रशासन,

जागीरदारी एवं मनसबदारी व्यवस्थाएं मुगलकालीन समाज और अर्थव्यवस्था साहित्य कला एवं स्थापत्य मराठा सिख

एवं जाट और संबंधित अन्य पहलू।

यूरोपियों का आगमन- पुर्तगाली, ढब और फ्रांसीसी

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी और ब्रिटिश शासन (1758-1857) और संबंधित अन्य पहलू

ब्रिटिश शासन के आर्थिक प्रभाव और संबंधित अन्य पहलू

उन्नीसवीं सदी के सामाजिक, धार्मिक सुधार आन्दोलन और संबंधित अन्य पहलू | भारत के वाइसराय (1858-1947) प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) उन्नीसवी और बीसवी सदी के गैर आदिवासी, आदिवासी, जातीय एवं किसान

आंदोलन

1857 के बाद का ब्रिटिश शासन, भारत सरकार अधिनियम (1858) 1858 के बाद की प्रशासनिक, सामाजिक एवं न्यायिक प्रणाली प्रशासनिक शिक्षा एवं न्यायिक सुधार और संबंधित अन्य

और संबंधित अन्य पहलू

भारत में राष्ट्रवाद का विकास, राष्ट्रीय आंदोलन का उदय

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उद्गम् उदारवादी एवं अतिवादी दल

बंगाल का विभाजन, स्वदेशी आंदोलन, मुस्लिम लीग की स्थापना, सूरत अधिवेशन एवं कांग्रेस का विभाजन (1907).

मार्ले-मिण्टो सुधार (1909)

प्रथम विश्व युद्ध और राष्ट्रीय आन्दोलन- होमरूल आंदोलन, लखनऊ समझौता (1916) 1917 की अगस्त घोषणा, क्रांतिकारी आन्दोलन, गांधी युग, भारत एवं विदेश में क्रांतिकारी आंदोलन, भारत सरकार अधिनियम (1919). रौलेट अधिनियम (1919). जलियावाला बाग नरसंहार ( 13 अप्रैल, 1919). खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चौरीचौरा की घटना, स्वराज पार्टी, साइमन कमीशन, नेहरू रिपोर्ट, जिन्ना के 14 सूत्र, कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, प्रथम गोलमेज सम्मेलन, गांधी इरविन समझौता, द्वितीय एवं तृतीय गोलमेज सम्मेलन, कम्यूनल अवार्ड एवं पूना समझौता।

भारत सरकार अधिनियम (1935)– पाकिस्तान की मांग, क्रिप्स मिशन, भारत छोड़ो आंदोलन, कैबिनेट मिशन योजना, आजाद हिन्द फौज, अन्तरिम सरकार, माउण्टबेटन योजना, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 ). भारत का विभाजन, आजादी के बाद का भारत, नवीन क्रियाकलाप एवं सम्बन्धित संगठन और संबंधित अन्य पहलू।

उत्तराखण्ड का इतिहास एवं संस्कृति प्रागैतिहासिक काल

आद्य ऐतिहासिक काल

उत्तराखण्ड की प्राचीन जनजातियां

कुणिन्द एवं यौधेय

कार्तिकेयपुर राजवंश

कत्यूरी राजवंश

गढ़वाल का परमार राजवंश, कुमाऊँ का चंद राजवंश,

गोरखा आक्रमण एवं शासन

ब्रिटिश शासन

टिहरी रियासत

उत्तराखण्ड में स्वतंत्रता संघर्ष 18 -1857 एवं उत्तराखण्ड, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में उत्तराखण्ड का योगदान, उत्तराखण्ड

के जनआंदोलन।

संबंधित अन्य पहलू।

 

यूनिट – 2

भारत एवं विश्व का भूगोल

विश्व का भूगोल : विविध शाखाएं, पृथ्वी एवं सौरमण्डल, अक्षांश देशान्तर, समय, परिभ्रमण, परिक्रमण, ग्रहण, महाद्वीप, पर्वत, पठार, मैदान, जलमंडल, झीलें एवं चट्टान, वायुमण्डल की परतें, संरचना, सौर्यताप, आर्द्रता, महासागरीय नितल की बनावट, धाराएँ, ज्वार भाटा, तापमान एवं खारापन, कृषि, पौधे, जन्तु, पशुपालन, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन, उद्योग, जनसंख्या प्रजातियां एवं जनजातियां, प्रवास, परिवहन, संचार, अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखाएं, पर्यावरण एवं विश्व व्यापार (क्षेत्रीय आर्थिक गुट). भौगोलिक शब्दावली और संबंधित अन्य पहलू।

भारत का भूगोल : भौगोलिक परिचय, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु, अपवाह प्रणाली, वनस्पति, पौधे, जन्तु, पशुपालन, मिट्टी, जल संसाधन, सिंचाई, बिजली, कृषि, खनिज, उद्योग, जनसंख्या एवं नगरीकरण, परिवहन, संचार, संचार तंत्र, विदेशी व्यापार, अनुसूचित जाति एवं जनजातियां, सामाजिक परिस्थितियां अधिवास एवं प्रदूषण और संबंधित अन्य पहलू।

उत्तराखण्ड का भूगोल : भौगोलिक अवस्थिति, भू-आकृति एवं संरचना, जलवायु, जल प्रवाह तन्त्र, वनस्पति, सिंचाई, मुख्य नगर, पर्यटन स्थल, जनसंख्या, अनुसूचित जाति एवं जनजातियां, परिवहन तन्त्र, ऊर्जा संसाधन एवं औद्योगिक विकास, प्राकृतिक आपदाएं और संबंधित अन्य पहलू।

 

यूनिट 3

भारतीय राजव्यवस्था

राष्ट्रीय –

 

  1. संसदीय प्रणाली।

 

  1. गठबंधन की राजनीति |

 

  1. क्षेत्रवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद और नक्सलवाद ।

 

  1. कल्याण : अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक (संवैधानिक व्यवस्था, कानूनी दायरा, संस्थागत व्यवस्था, प्रक्रिया और प्रभाव के संदर्भ में)

 

  1. लिंग राजनीति : समानता, आरक्षण, अधिकारिता, कल्याण और सुरक्षा, सुरक्षा के उपाय।

 

  1. भारत में चुनाव सुधार।

 

  1. शासन संस्थान और प्रक्रिया

 

  1. राष्ट्रीय एकता।

 

  1. भारत की नाभिकीय नीति ।

 

  1. पर्यावरणीय समस्याएं।

 

  1. आर्थिक और वित्तीय सुधारः उदारीकरण, निजीकरण और वैश्विकरण (एल०पी०जी०) और राजनीति तथा शासन पर इसके प्रभाव, आयोजना तंत्र तथा आयोजना की प्रक्रिया और बैंकिंग क्षेत्र (आर0बी0आई0, नाबार्ड और आई0डी0बी0आई0 आदि) । 12. भारत में संस्थागत सुधार अर्थात, एम०एन०आर०ई०जी०ए० एन०आर०एच०एम०.

जे०एन०एन०यू०आर०एम० आदि, सार्वजनिक निजी भागीदारी (पी0पी0पी0) के तरीके। 13. देश की राजनीति और प्रशासनिक प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी।

  1. सिविल सोसायटी ।

 

  1. लोकपाल और लोकायुक्त

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू ।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

  1. संयुक्त राष्ट्र ।
  2. अन्तर्राष्ट्रीय सस्थाएं।
  3. वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय समस्याएं।
  4. सार्क, आसियान और साफ्टा एवं अन्य क्षेत्रीय गुट
  5. विश्व के बड़े मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोणः निरस्त्रीकरण, मानवाधिकार और
  6. ब्रिक्स और भारत के लिए इसका महत्व ।
  7. सम्बन्धित अन्य पहलू।

भारत का संविधान –

  1. भारत में संविधानात्मक विकास।

 

  1. संवैधानिक असैम्बली।

 

  1. उद्देशिका।

 

  1. भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं (इसके विभिन्न भाग, महत्वपूर्ण अनुच्छेद और सिद्धांत

 

सहित)

 

  1. मौलिक अधिकार और कर्तव्य

 

  1. राज्य नीति के निदेशात्मक सिद्धांत |

 

  1. संवैधानिक संशोधन प्रणाली और महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन।

 

  1. भारत में शासन की संघीय और संसदीय प्रणाली।

 

  1. संसदीय समितियां (लोक लेखा समिति, आकलन समिति और संयुक्त संसदीय समिति) । 10. संवैधानिक निकाय चुनाव आयोग और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक

 

  1. न्यायपालिका उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय ।

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

भारतीय राजनीति

  1. संघीय कार्यपालिका : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद, मंत्रिमण्डल सचिवालय, केन्द्रीय सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय

 

  1. राज्य कार्यपालिका : राज्यपाल, मुख्य मंत्री और मंत्री परिषद, राज्य सचिवालय और मुख्य सचिव ।

 

  1. भारत में संसद और राज्य विधान सभाएं।

 

  1. चुनाव तंत्र और प्रक्रिया ।

 

  1. राजनीतिक दल और दबाव समूह

 

  1. राजनीतिज्ञों और सरकारी सेवकों के संबंध | राजनीतिक संस्कृति का विकास।

 

  1. भारत में

 

  1. राजनीतिक सामाजीकरण की एजेंसियां

 

  1. भारत में प्रशासनिक प्रणाली का मूल्यांकन और विकास।

 

  1. भारत में राज्यों का पुनर्गठन

 

  1. संघ राज्य क्षेत्रों और अन्य विनिर्दिष्ट राज्यों और क्षेत्रों का प्रशासन

 

  1. प्रशासनिक सुधार (विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों और आयोगों सहित) |

 

  1. जिला प्रशासन।

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

पंचायती राज –

 

  1. स्थानीय शासन 73वां और 74वां संविधान संशोधन अधिनियम

 

  1. राज्य वित्त आयोग कार्य और भूमिका ।

 

  1. स्थानीय निकायों को अधिकार देना।

 

  1. भारत में स्थानीय निकायों का स्वरूप नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत,

 

पंचायत समितियां और जिला परिषद

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

लोक नीति –

 

  1. सुशासन: सीटिजन चार्टर और ई-गवर्नेस ।

 

  1. भ्रष्टाचार का निवारण और लोकपाल तथा लोकायुक्त ।

 

  1. सूचना का अधिकार।

 

  1. शिक्षा का अधिकार ।

 

  1. सेवा का अधिकार ।

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

अधिकारों से संबंधित मुद्दे –

 

  1. मौलिक अधिकार ।

 

  1. नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 |

 

  1. भारत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दे, महिला और बाल तथा बुजुर्गों के संरक्षण से संबंधित विभिन्न अधिकार।

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

उत्तराखण्ड की राज व्यवस्था

 

शासन प्रणाली, राज्यपाल, विधायिका, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, केन्द्र राज्य संबंध, लोक सेवाएं. लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षण, महान्यायवादी, उच्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र

 

अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों से सम्बन्धित प्राविधान, राज भाषा, विशेष राज्य के चयन के मापदण्ड, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनैतिक दल एवं निर्वाचन, स्थानीय शासन एवं पंचायती राज सामुदायिक विकास, लोकनीति, अधिकार सम्बन्धी मुद्दे (शिक्षा, रोजगार, विकास आदि), सुशासन (भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर ई-गवर्नेस सूचना का अधिकार, समाधान योजना आदि) और सम्बन्धित अन्य पहलू

 

यूनिट 4

 

आर्थिक एवं सामाजिक विकास

 

  1. आर्थिक नीति: भारत में आर्थिक सुधार, उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण

 

  1. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ डी० आई). मुद्रास्फीति, समाहिक प्रगति, आर्थिक विकास बनाम पर्यावरणीय संरक्षण

 

  1. गरीबी और बेरोजगारी के उन्मूलन संबंधी कार्यक्रम, मानव विकास सूचकांक (एच डी आई)।

 

  1. जनगणना एवं भारत की जनसंख्या की मुख्य विशेषताएं। आर्थिक विकास और जनसंख्या नगरीकरण से सम्बन्धित मुद्दे

 

  1. केन्द्रीय बजट की मुख्य विशेषताएं।

 

  1. भारत र्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं।

 

  1. भारत के प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार (वैदेशिक क्षेत्र), वाणिज्य, उद्योग, योजनाएं एवं परियोजनाएं तथा आर्थिक विकास की दिशा

 

  1. कर सुधार एवं बैंकिंग व्यवसाय

 

  1. योजनागत विकास

 

  1. राष्ट्रीय विकास परिषद

 

  1. राष्ट्रीय आय

 

  1. भारतीय कृषि (कृषि उत्पादकता, पशुधन, हरित क्रान्ति, खाद्य सुरक्षा, खाद्यान्न मूल्य, बफर स्टाक, कृषि नीति, कृषि / बीज बीमा योजना )।

 

  1. भारतीय वित्तीय / मुद्रा / पूंजी / प्रतिभूति बाजार।

 

  1. बीमा क्षेत्र, कर संरचना, लोक वित्तीय एवं राजकोषीय नीति ।

 

  1. अवधारणाएं (व्यावर्ती योजना, स्वीट शेयर, हवाला, गिल्ट एज बाजार, काला काला धन इत्यादि) । बाजार,

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

अतंर्राष्ट्रीय

 

  1. विश्व व्यापार संगठन (W.T.O.). अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा निधि (IMF). विश्व बैंक (वर्ल्ड बैंक), दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC). दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) दक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार करार (SAPTA). ब्रिक्स (BRICS), ओपेक (OPEC) एवं अन्य क्षेत्रीय आर्थिक एवं वाणिज्यिक संगठन।

 

  1. पूंजी का अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह, मानव संसाधन और प्रौद्योगिकी।

 

  1. विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम (FERA) प्रिवेंशन ऑफ मनी लैडरिंग एक्ट (PMLA)।

 

  1. विश्व मानव सूचकांक ।

 

  1. पारिभाषिक शब्दावली ।

 

  1. सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

उत्तराखण्ड

 

अर्थव्यवस्था एवं बजट की मुख्य विशेषताएं प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार वाणिज्य, उद्योग, योजनाएं एवं परियोजनाएं कर / आर्थिक सुधार योजनागत विकास, कृषि, पशुधन, खाद्यान्न सुरक्षा, लोकवित्त, राजकोषीय नीति, जनगणना, मानव विकास सूचकांक, पर्यटन, जड़ी-बूटी एवं संस्कृति का आर्थिक विकास में योगदान और सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

यूनिट –5

 

सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

 

भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी इतिहास और योगदान

 

समसामयिकी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार, खोज, अन्वेषण विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन, सौर प्रौद्योगिकी, मानव कल्याण, स्वास्थ्य और औषध के लिए नई प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग, पर्यावरणीय जागरूकता, प्राकृतिक जैव संसाधन इत्यादि।

 

राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं अनुसंधान विषयक अन्य संगठन आईयूसीएन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ आईपीसीसी, डब्ल्यूएचओ यूनेस्को आदि।

 

सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक जीवन में कम्प्यूटरों का अनुप्रयोग, ई-गवर्नेन्स आदि।

 

पारिस्थिति और पर्यावरण पर्यावास, सामुदायिक पर्यावरणीय प्रणाली, संरचनात्मक कार्य और अनुकूलन, वनस्पतियां एवं उनका वर्गीकरण, परम्परागत खेती, वाणिज्यिक कृषि एवं कृषि का वाणिज्यिकरण, कृषि फसलों का उत्पादन एवं उनका क्षेत्रीय वितरण (राज्य, राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर

 

1 पर). कृषि समस्याएं, कृषिक विविधता इत्यादि। प्राकृतिक संसाधन मृदा, जल, वायु, वन, घासभूमि, आर्द्र भूमि, समुद्रीय नवीनीकरण और गैर

 

नवीनीय ऊर्जा संसाधनों की योजना और प्रबंधन। जैव विविधता- जोखिम और संरक्षण, आचारनीति और उपयोग

 

पर्यावरणीय संकटः वायु, जल, मृदा और अंतरिक्ष प्रदूषण नियम और अधिनियम, भूमंडलीय

 

भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन कारण और प्रभाव

 

ऊष्मता

 

भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन कारण और प्रभाव

 

सुदूर संवेदन की अवधारणा और जीआईएस अनुप्रयोग। मौसम पूर्वानुमान ।

 

स्प्रेडशीट (विस्तारण) का अनुप्रयोग और आधार आंकड़ों का अनुप्रयोग। भौतिकी (फिजिकल) विज्ञान/जागरूकता कम्प्यूटर और सूचना प्रक्रमण के सिद्धांत, मौलिक कम्प्यूटर संगठन, बूलियन बीजगणित, लॉजिक गेट्स, समस्या समाधान तकनीकें और कम्प्यूटर भाषाएं, व्यापारिक आंकड़ा प्रकमण, आंकड़ा सम्प्रेषण और कम्प्यूटर नेटवर्क और सुरक्षा, इंटरनेट और मल्टीमीडिया अनुप्रयोगों का उपयोग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, पीसी का अनुप्रयोग, साफ्टवेयर पैकेज, साईबर अधिनियम के मूलभूत तत्व आदि ।

 

पदार्थ और इसकी अवस्थाएं, अम्ल, आधार रूप और लवण, तत्वों का उद्गम और वितरण, भारी और हल्का पानी, सघन पानी, शुद्धिकरण, बैट्रियां, ईधन सैल, विनापन, विखंडन और संलयन, समानता के तत्व, पोलिमर्स, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, लिपिड, हार्मोन्स, विटामिन, औषध और स्वास्थ्य देखभाल, डाईज, कॉस्मेटिक, खाद्य रसायन विज्ञान आदि ।

 

यांत्रिकी, पदार्थ की सामान्य विशेषताएं, तरंग गति, ध्वनि और इलैक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें, ऊष्मा, प्रकाश।

 

चुम्बकत्व, विद्युत, परमाणु और नाभिकीय भौतिकी, खगोल विद्या और अंतरिक्ष भौतिकी, एक्स-रे और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी आदि।

 

जीवन (Life) विज्ञान शाखाएं योगदान, प्राकृतिक संसाधन और उनका प्रबंधन।

 

जैव विविधता, जैव प्रौद्योगिकी, अतिसूक्ष्म प्रौद्योगिकी, जैव उत्पाद, टीके, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, आनुवांशिक रूप से आशोधित जीवधारी, भूमंडलीय ऊष्मता और जलवायु परिवर्तन, पशुपालन, पादप और मानव कल्याण इत्यादि।

 

वैज्ञानिक पारिभाषिक शब्दावली ।

 

उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधन और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन आदि में उनका

 

योगदान इत्यादि ।

 

यूनिट – 8

 

राज्य, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनायें।

 

महाद्वीप एवं विश्व के देश, विश्व अंतरिक्ष की महत्वपूर्ण घटनाऐं विश्व के आश्चर्य, विश्व के धर्म, भारतीय राज्य, विश्व / भारत की प्रसिद्ध पुस्तकें एवं लेखक प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रमुख पुरस्कार, भारतीय रक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वैज्ञानिक तथा तकनीकी विकास, शिक्षा, राष्ट्रीय प्रतीक, भारत में वरीयता अनुक्रम, विश्व / भारत के प्रमुख मानव अधिकार एवं कल्याण संगठन, प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, प्रमुख दर्रे, भारत के नृत्य, सांस्कृतिक संस्थान, संगीत, चित्रकला, भारतीय भाषायें, विश्व धरोहर स्थल, प्रमुख समाचार पत्र महत्वपूर्ण तिथियां, खेल परिदृश्य, मुख्य खेल तथा खेलों से सम्बन्धित शब्दावली सम्मेलन / प्रदर्शनी / महोत्सव / कांफेस, प्रमुख रिपोर्ट और सम्बन्धित अन्य पहलू।

 

 

————–

पेपर -2, सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा

 

सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार) प्रश्नपत्र द्वितीय प्रश्न संख्या 100 (प्रत्येक प्रश्न 1.5 अंक का)

 

समय अवधि: 02 घण्टे यूनिट 1 प्रश्नों की संख्या 80

 

  1. अभिक्षमता परीक्षा

 

पूर्णांक 150 अंक पूर्णांक 120 अंक

 

कथन / वचन, सत्य और असत्य कथन (न्यायवाक्य) एमोलोजिन, समरूपता व असमानता,

 

निरूपण, प्रतिबिम्ब / प्रतिरूप

 

2 म्प्रेषण व अंतर वैयक्तिक कुशलता शब्द निर्माण, कूटबद्धता/गैर-कूटबद्धता संख्यात्मक प्रचालन

 

  1. तार्किक व विश्लेषणात्मक योग्यता

 

तर्क. कथन दलील, कथन पूर्वानुमान, कथन कियाविधि, कथन-निष्कर्ष वाक्य से निष्कर्ष निकालना, विषय-वस्तु का पता लगाना प्रश्न कथन, येन आरेख, अंकगणित संख्या श्रृंखला, अंकगणितीय तर्क-वितर्क व आकृतात्मक वर्गीकरण, संबंध अवधारणा

 

  1. निर्णय लेना और समस्या समाधान समस्या समाधान, निर्णय लेना, दृश्य स्मृति विभेद, कथन एवं कारण

 

  1. सामान्य मानसिक योग्यता

 

दिशा बोधक परीक्षा, सामाजिक बौद्धिकता, भावात्मक बौद्धिकता, आलोचनात्मक चिंतन वर्णाक्षर परीक्षण, आंकड़ा पर्याप्तता, अनुपस्थित स्वरूप विवेचन

 

  1. संख्यात्मक अभिज्ञान

 

संख्या व उनका वर्गीकरण संख्याओं की विभाज्यता का परीक्षण, विभाज्यता की सामान्य विशेषताएं, मुख्य संख्या का परीक्षण, विभाजन और शेषफल, शेषफल नियम, दो-लाईन संख्या श्रृंखला, प्राकृतिक संख्याओं पर कुछ नियम

 

  1. सांख्यिकीय विश्लेषण

 

आंकड़ों का चार्ट, ग्राफ, तालिका के माध्यम से प्रस्तुतीकरण आंकटों की पर्याप्तता

 

यूनिट – 2

 

प्रश्नों की संख्या : 20

 

पूर्णांक : 30 अंक

 

(यूनिट -2 में बिन्दु 08 में कुल 07 प्रश्न एवं बिन्दु 09 में कुल 13 प्रश्न) 8- अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल

 

(A) There shall be a long passage in English for comprehension, followed by three objective-type questions, with multiple choices, of 1.5 mark each. These questions will test the candidate’s ability to comprehend the ideas contained in the passage as well as his/her knowledge of English language/grammar.

 

(B) The four questions (1.5 mark each) based on language/grammar may cover the following areas:

 

(i) Vocabulary

 

(ii) Antonyms

 

(iii) Synonyms

 

(iv) One-word substitution

 

(v) Phrases/phrasal verbs

 

(vi) Transformation of sentences

 

– हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल हेतु दिए गए विस्तृत अपठित गद्यांश या अवतरण से, प्रतिपाद्य (विषय वस्तु), भाषा और व्याकरण पर आधारित, 08 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक वस्तुनिष्ठ प्रश्न डेढ़ अंक का होगा तथा प्रत्येक प्रश्न के चार वैकल्पिक उत्तर A, B, C, D होंगे, जिनमें केवल एक उत्तर ही सही होगा।

 

07 वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक डेढ़ अंक) अपठित गद्यांश के कथ्य, शीर्षक उद्देश्य, भाषा. लोकोक्ति एवं मुहावरा, अलंकार, शब्द- विवेक (तत्सम, तद्भव, देशज एवं विदेशी शब्द पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, शब्दार्थ), उपसर्ग, प्रत्यय, सन्धि, समास और क्रियारूप आदि पर आधारि चाहिए।

 

यह है उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा का सिलेबस(Uttarakhand PCS Main Exam Pattern)

विस्तार से सिलेबस देखने के लिए नीचे दिए गए नोटिफिकेशन के लिंक पर क्लिक करें

 

उत्तराखंड पीसीएस 2021 नोटिफिकेशन देखने के लिए यहां क्लिक करें

उत्तराखंड पीसीएस भर्ती के ऑनलाइन आवेदन के लिए यहां क्लिक करें

पढ़ें : Uttarakhand Board Exam 2022 के फॉर्म भरने की डेट बढ़ी, यहां देखें पूरी जानकारी

 

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