श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में फोटोग्राफी एवं हिंदी नाट्य सभा क्लब का उद्घाटन

पर्यावरण की रक्षा उत्तराखंड की सुरक्षा एवं सुनो गंगा कुछ कहती है की थीम पर कार्यक्रम का आयोजन

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में फोटोग्राफी एवं हिंदी नाट्य सभा क्लब का उद्घाटन किया गया। पर्यावरण की रक्षा उत्तराखंड की सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यक्रम में फोटोग्राफी एवं हिंदी नाट्य सभा द्वारा संयुक्त रुप से फोटोग्राफी प्रतियोगिता एवं नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तराखंड में मैती आंदोलन के प्रणेता एवं पदमश्री कल्याण सिंह रावत और प्रसिद्ध फोटोग्राफर भूमेश भारती मौजूद रहे।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी छात्रों को शुभकामना संदेश प्रेषित किया| उन्होंने कहा कि हमें हर दिन पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यू.एस.रावत द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई | उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि फोटोग्राफी के माध्यम से जैव विविधता को आसानी से समझा जा सकता है और पर्यावरण के संरक्षण के प्रति आम लोगों को जागरुक किया जा सकता है | उन्होंने पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करने का आह्वान किया| उन्होंने कार्यक्रम की थीम को आज की मुख्य आवश्यकता बताते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा से ही हमारे उत्तराखंड की सुरक्षा संभव है| उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है जो अपनी जैव विविधता और पर्यावरण की अनुकूलता के लिए विश्व भर में जाना जाता है|

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ दीपक साहनी ने कहा कि पर्यावरण को बचाए रखने का छात्रों का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है और विश्वविद्यालय समय-समय पर पर्यावरण की रक्षा के लिए छात्रों को जागृत करता रहेगा| साथ ही विश्वविद्यालय इस प्रकार के आयोजन करता रहेगा| कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पदम श्री एवं प्रसिद्ध पर्यावरणविद् कल्याण सिंह रावत ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पर्यावरण के प्रति देश और दुनिया में जागरूकता का भारी अभाव है! कुछ पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर पर कोशिश करते रहे हैं, किंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था या समाज की चिंता तक सीमित विषय नहीं होना चाहिए! सभी को इसमें कुछ न कुछ प्रयास करना होगा| उन्होंने आज पर्यावरण की दयनीय दशा को आंकड़ों के माध्यम से समझाया और साथ ही एक व्यापक स्तरीय मैती आंदोलन की आवश्यकता भी बताइ| मैती आंदोलन के एक भावनात्मक आंदोलन है जिससे हमारी मान्यताओं संस्कृति और परंपराओं की रक्षा होती है वही प्रकृति संरक्षण का संदेश भी आम जनता को जाता है उन्होंने विश्व के कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कई देशों में विवाह के समय पेड़ लगाने की प्रथा शुरू हो गई है और हमारे देश में हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन उसके संरक्षण के लिए सार्थक प्रयास नहीं कर रहे हैं उन्होंने उत्तराखंड के लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि आज ग्राम गंगा अभियान बड़े स्तर पर चलाए जाने की आवश्यकता है जिसके तहत साल में एक बार उत्तराखंड वासी को अपने गांव जरूर आना चाहिए | इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों हिमनदो का पिघलना, जैव विविधता का संकट, भूजल स्तर में गिरावट, वना अग्नि, गंगा प्रदूषण जैसे ज्वलंत मुद्दों और उनकी रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डाला|

फोटोग्राफी के जज के रूप में उपस्थित विश्व विख्यात फोटोग्राफर भूमेश भारती ने उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि फोटोग्राफी ज्ञान का विस्तार करती है उन्होंने फोटोग्राफी के तकनीकी और उसकी बारीकियों के विषय में बात की साथ ही कहां की प्रकृति से जुड़ी फोटोग्राफी प्रकृति को बचाने का भी संदेश देती है | इस अवसर पर छात्रों ने गढ़वाली नृत्य, फ्यूजन और पर्यावरण जागरूकता पर आधारित “मैं बदल रहा जागो उत्तराखंड” पर नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति दी|

कार्यक्रम में फोटोग्राफी क्लब द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में छात्रों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। प्रकृति की थीम पर आयोजित फोटोग्राफी प्रतियोगिता में अमन गोस्वामी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वही मंजुल बलोदी ने द्वितीय तथा आकृति भट्ट तृतीय स्थान पर रहे। सत्यम पांडे और अनिकेत कनौजिया को सांत्वना पुरस्कार दिया गया| वही रंगमंच की बेहतरीन प्रस्तुति के दिए मयंक शाह और रंगमंच ग्रुप को सम्मानित किया गया| इसके साथ ही हिंदी नाट्य सभा क्लब द्वारा’ गंगा क्या कहती है सुनो’ नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से बताया गया कि हम किस प्रकार लापरवाही से जल प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं जिस कारण गंगा नदी दिन-ब-दिन प्रदूषित हो रही है। गंगा एक नदी के साथ ही एक सभ्यता और संस्कृति का भी परिचायक है इसलिए हमें इसकी स्वच्छता पर ध्यान देना होगा।

विश्वविद्यालय की शैक्षिक समन्वयक डॉ मालविका कांडपाल ने बताया कि आज फोटोग्राफी एवं हिंदी कला मंच दो क्लबों की शुरुआत की गई है। इन क्लबों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में सामाजिक सरोकार की भावना को बढ़ावा देना एवं उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। मंच संचालन स्वर्णिम, दीपिका और श्रुति द्वारा किया गया| फोटोग्राफी क्लब का संचालन डॉ सागरिका दास एवं डॉ• आशा बाला द्वारा किया गया| वही हिंदी कला मंच क्लब का संचालन डॉ कल्पना थपलियाल ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ आरपी सिंह, डीन रिसर्च प्रोफेसर अरुण कुमार, डॉ मनोज गहलोत, डॉ मनोज तिवारी, प्रोफ़ेसर कुमुद सकलानी, प्रोफेसर कंचन जोशी के साथ ही संबंधित सभी स्कूलों के डीन, शिक्षक गण और बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।

Read Also : केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के सभी कोटे खत्म, अब इन बच्चों के होंगे दाखिले

Read Also : अब ये नया वर्ल्ड रिकार्ड बनाएगा ग्राफिक एरा

Read Also : माहौल बिगाड़ने वालों पर क्या बोले उत्तराखंड के सीएम धामी, पढ़ें पूरी खबर

Read Also : 03 जिलों के डीएम बदले, 07 आईएएस, 02 पीसीएस अफसरों का तबादले

Read Also : 03 जिलों के डीएम बदले, 07 आईएएस, 02 पीसीएस अफसरों का तबादले

Read Also : करोड़ों की दौलत वाले अफसर पर धामी सरकार ने दी मुकदमें की अनुमति, जानिए कितनी है संपत्ति

Read Also : एलएलबी पास युवाओं के लिए यहां निकली एपीओ भर्ती

Read Also : दो किलोमीटर चढ़ाई चढ़कर चंपावत की बाबा गोरखनाथ मंदिर पहुंचे सीएम धामी, की ये घोषणाएं

Read Also : उत्तराखंड पीसीएस-जे प्री का रिजल्ट जारी, इतनी रही कटऑफ, यह पांच सवाल हटाए

Read Also : 12वीं, ग्रेजुएशन पास के लिए 337 पदों पर निकली भर्ती, यहां देखें पूरी जानकारी

Read Also : ये दुनिया मोहब्बत को मोहब्बत नहीं देती, ईनाम बड़ी चीज है कीमत नहीं देती…

Read Also : JEE Advanced की डेट बदली, पूरी जानकारी यहां देखें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *