रोज 12 किलोमीटर पैदल चलकर पढ़ी, जज बनी

उत्तराखंड के रानीखेत की भावना पांडे की मेहनत लाई रंग, सरकारी स्कूल से की थी 12वीं

 

मेहनत और लगन के आगे हर चुनौती छोटी पड़ जाती है। उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने यह साबित कर दिया है। उन्होंने एक सरकारी स्कूल से 12वीं पास करने के लिए हर दिन 24 किलोमीटर का रास्ता पैदल नापा। लेकिन हार नहीं मानी। कई साल की कड़ी मेहनत के बाद सोमवार को आए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पीसीएस जे नतीजों में भावना पांडे ने तीसरा स्‍थान हासिल किया है। अपनी इस कामयाबी का श्रेय वह अपने मामा एडिशनल टैक्स कमिश्नर हंसादत्त पांडेय और अपनी मां भगवती देवी को देती है।

 

With Family

 

रानीखेत के सरकारी स्कूल से पढ़ाई

भावना ने बताया कि जब वह एक साल की थी, जब उनके पिता का देहांत हो गया था। मां भगवती देवी के पास दो बेटियों की जिम्मेदारी थी। ‌पैसे के अभाव में किसी चकाचौंध वाले प्राइवेट स्कूल में पढ़ा नहीं सकती थी। तभी भावना ने तय कर लिया कि वह सरकारी स्कूल से पढ़ेंगी और कामयाब होकर मिसाल कायम करेंगी। घर से प्रेम विद्यालय इंटर कॉलेज 12 किलोमीटर दूर था। बावजूद इसके भावना अपना सपना पूरा करने के लिए रोजाना 24 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करती थी। उनका कहना है कि स्कूल सरकारी हो या प्राइवेट, आपकी मेहनत ही अंत में आपको चमकाती है।

 

हमेशा फर्स्ट क्लास

भावना पढ़ाई में इतनी होनहार थी कि हमेशा क्लास में फर्स्ट डिविजन से पास होती थी। 10वीं, 12वीं के बाद उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज से बीए एलएलबी इंटिग्रेटेड भी उन्होंने फर्स्ट डिविजन से पास की। इसके बाद एलएलएम में भी फर्स्ट डिविजिन हासिल की। भावना ने उत्तराखंड स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट(USET) भी क्वालिफाई किया है।

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