लंच टाइम में स्कूलों में बजेंगे गाने

NCERT ने देशभर के स्कूलों को जारी किए अनोखे निर्देश

Ncert

स्कूलों में पॉजिटिव एनवायरमेंट क्रिएट करने के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड  ट्रेनिंग(NCERT) ने अनोखे निर्देश जारी किए हैं। एनसीईआरटी ने सभी स्कूलों को कहा है कि वह लंच टाइम में स्कूलों में बच्चों के लिए गाने बजाएं। इससे बच्चों के बीच बेहतर एनवायरमेंट पैदा होगा। वह सकारात्मक होंगे।

यह गाने बच्चों की उम्र के हिसाब से बजाने के लिए कहा गया है। NCERT ने स्‍कूलों को सलाह दी है कि ज‍ब स्‍कूलों में लंच ब्रेक हो, तब उम्र के हिसाब से स्‍टूडेंट्स के लिए गाने बजाए जाएं। ऑर्ट इंटिग्रेटेड लर्निंग के लिए जारी गाइडलाइंस में एनसीईआरटी ने कहा, ‘रिसर्च से
पता चला है कि संगीत से बच्चों में बेहतर ग्रहणशीलता आती है। यह शांति की भावना विकसित करने में भी मदद करता है।’

गाइडलाइंस को एजुकेटर्स की एक टीम ने जामिया मिलिया इस्‍लामिया के साथ मिलकर तैयार किया है। इसके लिए 34 म्‍युनिसिपल कॉर्पोरेशन में एक साल लंबी स्‍टडी की गई है। इसके अलावा काउंसिल ने प्री-प्राइमरी में आर्ट की टीचिंग, ऐक्टिविटीज की प्‍लानिंग, टाइम और रिसॉर्सेस की प्‍लानिंग, क्‍लासरूम मैनेजमेंट और कम्‍युनिटी इन्‍वॉल्‍वमेंट के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देशों की रूपरेखा तैयार की है।

आर्ट टीचर्स के लिए यह निर्देश
बच्चे की कलात्मक क्षमता पर टिप्‍पणी न करें। बच्‍चों के आर्टवर्क की तुलना न करें। प्रोसेस का आकलन करें, न कि प्रॉडक्‍ट का। आर्ट को सब्‍जेक्‍ट के बजाए टूल के रूप में ट्रीट करें।

आपको बता दें कि एनसीईआरटी लगातार स्कूलों में पॉजिटीव एनवायरमेंट पर काम कर रहा है। इसके लिए समय-समय पर स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। एनसीईआरटी ने ने प्री-प्राइमरी में आर्ट की टीचिंग, ऐक्टिविटीज की प्‍लानिंग, टाइम और रिसॉर्सेस की प्लानिंग मैनेजमेंट और कम्‍युनिटी इन्‍वॉल्‍वमेंट के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देशों की रूपरेखा तैयार की है।

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