NEET एग्जाम में हुए इस साल कई बड़े बदलाव

25 साल से ज्यादा उम्र वाले नहीं दे पाएंगे मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET

 

एमबीबीएस और बीडीएस की कॉमन प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए इस बार NEET में कई बड़े बदलाव किए गए है। इस साल से केवल वही कैंडिडेट इस परीक्षा में बैठ सकेंगे, जिनकी उम्र 17 से 25 वर्ष के बीच हो। अभी तक परीक्षा में शामिल होने की न्यूनतम आयु तो 17 वर्ष तय थी लेकिन अधिकतम आयु का कोई बंधन नहीं था। इस वजह से 30 साल से अधिक उम्र तक के युवा भी मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में शामिल होते थे। नीट 2016 में सबसे ज्यादा उम्र के कैंडिडेट की आयु 38 साल थी। खास बात यह है कि नीट 2016 में ऐसे करीब 110 कैंडिडेट थे, जिनकी उम्र 30 साल से ज्यादा थी।

केवल तीन मौके मिलेंगे

अभी तक उम्र की कोई सीमा और अटेम्प्ट की भी कोई लिमिट नहीं थी। एक बार 12वीं पास करने के बाद कई युवा तो पांच-पांच बार एग्जाम में बैठते थे। तब जाकर पास होते थे। लेकिन अब 12वीं करने के बाद एक युवा केवल तीन बार ही नीट का एग्जाम दे पाएगा। एमसीआई, यूजीसी, स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस पर अपनी मोहर लगा दी है। अब तीन बार में अगर मेडिकल की प्रवेश परीक्षा पास न कर पाए तो दोबारा मौका नहीं मिलेगा।

एक एग्जाम से पूरे देश में दाखिले

सरकार ने अब पूरे देश के मेडिकल कालेजों में एडमिशन के लिए केवल एक ही कॉमन प्रवेश परीक्षा नीट तय कर दिया है। इसके तहत मिलने वाली रैंक से ही सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कालेजों में एडमिशन दिया जाएगा। इसलिए भी इस एग्जाम की इंपोर्टेंस बढ़ गई है।

एक्सपर्ट कमेंट-

एमबीबीएस और बीडीएस जैसे लंबे ड्यूरेशन वाले कोर्स को करने के लिए अब तक कोई भी ऐज लिमिट नहीं थी। सरकार का यह वाकई ऐतिहासिक फैसला है। आने वाले टाइम में इसके बेहतरीन परिणाम सामने आएंगे। 25 तक की उम्र के युवा मेडिकल कोर्स करेंगे तो देश को नौजवान डॉक्टर व डेंटल सर्जन मिलेंगे। हालांकि इससे 12वीं करने के बाद एक साल का गैप करने वाले युवाओं पर दबाव भी बढ़ेगा।

-मनु पंत, सीईओ, अचीवर्ज क्लासेज, देहरादून

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