बनिये मछलियों के डॉक्टर, हो जाइए मालामाल

 

फिशरीज साइंस के क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने से प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ी, कई संस्थानों में कोर्स करने का मौका

मछलियों के संसार के एक्सपर्ट बनने, उनकी बीमारियों, उनके जीवन और व्यवहार पर आधारित फिशरीज साइंस की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में एक ओर जहां वैज्ञानिकों की जरूरत बढ़ी है तो दूसरी ओर कई ऐसे केंद्रीय स्तर के संस्थान हैं जो कि सीधे तौर पर फिशरीज साइंस में कोर्स करवा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इस क्षेत्र में रोजगार के अपार मौके हैं।

 

नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो देशभर में मत्स्य उत्पादन के मामले में दुनिया में भारत की हिस्सेदारी 6.3 परसेंट है। देश में करीब एक करोड़ मीट्रिक टन मछलियों का उत्पादन होत है। इस लिहाज से इस क्षेत्र में कोर्स फायदेमंद है।

फिशरीज साइंस कोर्स में बताया जाता है कि किस प्रकार मछली पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसमें एक्वाकल्चर, फिश न्यूट्रीशियन, ब्रीडिंग आदि के अलावा उन्हें बीमारियों से दूर रखने की जानकारी भी दी जाती है। इसके अलावा संबंधित कारोबारी जानकारियां, फिश एक्सपोर्ट आदि भी पढ़ाया जाता है।

 

यह योग्यता जरूरी

फिशरीज साइंस कोर्स करने के लिए बैचलर और मास्टर दोनों में मौका है। बैचलर कोर्स के लिए छात्र का साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास होना जरूरी है। 12वीं में बायोलॉजी का सब्जेक्ट भी अनिवार्य है। यह चार वर्ष का कोर्स होता है। कई संस्थान प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इस कोर्स में दाखिला लेते हैं। केंद्रीय फिशरीज संस्थानों में एडमिशन के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च की ओर से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। बैचलर कोर्स करने के बाद मास्टर कोर्स भी किया जा सकता है।

यहां मिलती है नौकरी

कृषि विभाग और सर्वेक्षण व रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में बतौर रिसर्च असिस्टेंट, फिशरीज डेवलपमेंट ऑफिसर, फिशरीज एक्सटेंशन ऑफिसर की जॉब के अलावा एक्वाकल्चर फार्म, हैचरी, फिशरीज इंस्पेक्टर के तौर पर भी काम कर सकते हैं। साथ ही प्रोफेशनल कामर्शियल फिश फार्मिंग, सीड प्रोडक्शन, मरीन प्रोडक्ट्स, ओरनामेंटल डिश निर्यात जैसे स्वरोजगार से भी जुड़े सकते हैं।

 

इतनी है कमाई

इस क्षेत्र में जॉब करने वाले नए छात्र को शुरुआत में 15 से 20 हजार रुपये मिलते हैं। पांच से छह साल का अनुभव होने के बाद नौकरी में चार से पांच लाख रुपये वार्षिक पैकेज मिलता है। खुद का काम करने पर यह कमाई इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।

 

इन संस्थानों में कर सकते हैं फिशरीज साइंस का कोर्स

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज साइंस, मंुबई

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज साइंस, कोच्चि

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वाटर एक्वाकल्चर, भुवनेश्वर

नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिर्सोसेज, लखनउ

 

 

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