अगले साल से कम छात्र संख्या वाले कालेजों पर गिरेगी बंदी की गाज
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने अगले साल से इंजीनियरिंग कालेजों की छंटनी शुरू करने की कवायद तेज कर दी है। एआईसीटीई अब उन सभी कालेजों को बंद करेगा, जिनमें 30 परसेंट या इससे कम एडमिशन हुए हैं। इस वक्त देशभर में करीब 25 लाख इंजीनियरिंग सीटें खाली पड़ी हुई हैं।
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एआईसीटीई के मुताबिक तय किया गया है कि तमाम ऐसे इंजीनियरिंग कालेज हैं, जिनमें बीते पांच वर्षों से 30 प्रतिशत से कम दाखिले हो रहे हैं। एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्त्रबुद्धे के मुताबिक खराब क्वालिटी, कालेजों की अधिक संख्या और बीटेक की कम डिमांड की वजह से इंजीनियरिंग कालेजों का यह हाल बन गया है।
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एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कालेज बंद करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए इसके लिए लगने वाली पेनाल्टी भी काफी कम कर दी है। ताकि इस तरह के ज्यादा से ज्यादा कालेज बंद हो जाएं।
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देश में इस वक्त 10,361 इंजीनियरिंग कालेज ऐसे हैं जो कि एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं। इनमें 3,701,366 बीटेक सीटें हैं। इनमें से हजारों की संख्या में ऐसे इंजीनियरिंग कालेज हैं, जहां पांच वर्षों से 30 प्रतिशत से कम दाखिले हो रहे हैं।