सलाम है इस मास्टरमाइंड बेटी को I एक-दो नहीं पांच परीक्षाओं में टॉपर बनी अंकिताI देश की पांच मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में पाई कामयाबीI
बेटियों को अगर मौका दें तो वह निश्चित तौर पर सपनों की उड़ान भरती हैं। कुछ ऐसी ही है उत्तराखंड की बेटी अंकिता पांडेय। एक साल बुरी तरह असफल होने के बाद अंकिता ने ऐसा दम दिखाया कि एक साल में मेडिकल दाखिलों की एक दो नहीं पूरी पांच प्रवेश परीक्षाएं पास कर ली। इन दिनों अंकिता केजीएमसी लखनऊ से एमबीबीएस कर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड की इस बेटी की कामयाबी भरी यादगार दास्तां और मेडिकल एग्जाम में उनके सक्सेस टिप्स।
एक नजर अंकिता की कामयाबी के सफर पर
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के नौला गांव निवासी कॉमर्स टीचर कैलाश चंद्र पांडे की सबसे छोटी बेटी अंकिता ने 2015 में 12वीं पास करने के बाद कई मेडिकल एग्जाम दिए लेकिन किसी में भी सफलता हाथ नहीं लगी। माता-पिता ने हिम्मत बढ़ाई तो अंकिता जुट गई नए सिरे से तैयारी करने में। सबसे पहले उन्होंने गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा में पूरे उत्तराखंड में टॉप किया। इसके बाद मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की प्रवेश परीक्षा में पूरे देश में 226 रैंक लाकर इतिहास रचा। अंकिता के कदम यहीं नहीं रुके। अंकिता ने एम्स की प्रवेश परीक्षा में 873वीं रैंक हासिल की। इसके बाद नीट-1 परीक्षा परिणाम में अंकिता का यह सिलसिला जारी रहा। उन्होंने नीट-1 में पूरे देश में 367वीं और कैटेगरी में 298वीं रैंक हासिल की। अंकिता ने इसके बाद भी कम नहीं रोके। उन्होंने ऑल इंडिया प्री वेटरेनरी टेस्ट(एआईपीवीटी) में न केवल पूरे उत्तराखंड में टॉप किया बल्कि पूरे देश में 16वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया। इन दिनों अंकिता किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से एमबीबीएस पढ़ रही है।
10वीं में 10 सीजीपीए
अंकिता ने देहरादून से अपनी 10वीं, 12वीं की पढ़ाई की है। उन्होंने 10वीं में 10 सीजीपीए और 12वीं में 93.8 परसेंट मार्क्स हासिल किए थे।
गरीबों की सेवा करने का सपना
अंकिता का कहना है कि वह बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती थी। इसके लिए एक साल तक प्रयास भी किया लेकिन कामयाब नहीं हो पाई। बावजूद इसके, अंकिता ने हौसला नहीं हारा। अंकिता का कहना है कि वह डॉक्टर बनकर गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करना चाहती हैं। उत्तराखंड में डॉक्टरों की भारी कमी को अपने दम पर दूर करने का प्रयास करेंगी।
अंकिता बेटियों के लिए मिसाल है
अंकिता के शिक्षक और बलूनी क्लासेज के एमडी विपिन का कहना है कि अंकिता वाकई मेधा की मिसाल है। वह आज न केवल बेटियों बल्कि उन पैरेंट्स के लिए भी आदर्श है, जो कि अक्सर बेटियों को एक उम्र के बाद ब्याह देते हैं। बकौल विपिन बलूनी, निश्चित तौर पर इस बार अंकिता को इतिहास रचना था, क्योंकि उसके भीतर डॉक्टर बनने का एक सपना और उस सपने को पूरा करने की एक कसक थी।
टॉपर अंकिता के टिप्स-
- जितना हो सके, एनसीईआरटी की बुक्स पर ही फोकस रखें।
- बोर्ड एग्जाम की तैयारी के बीच भी रोजाना कम से कम दो घंटे नीट या दूसरी मेडिकल एग्जाम की तैयारी के लिहाज से जरूर पढ़ें।
- टाइम मैनेजमेंट की जितनी प्रैक्टिस हो, उतनी कम है। लास्ट ईयर के प्रश्न पत्र लेकर उन्हें निर्धारित समय में सॉल्व करने का प्रयास करें।
- खुद पर पूरा भरोसा रखें। दिमाग में यह कतई न लाएं कि आप नहीं कर सकते हैं।
- कोई नया टॉपिक पढ़ने के बजाए बेहतर होगा कि पुराना ही अच्छी तरह से रिवाइज कर लें।
- भौतिक और रसायन विज्ञान के साथ बायोलॉजी में इस बात का ख्याल रखें कि कुछ चीजें रोजाना पढ़नी और रिवाइज करनी हैं। बायो काफी स्कोरिंग हो सकता है, बशर्ते आप उसकी सही तरीके से तैयारी करें।
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