उत्तराखंड अल्मोड़ा विवि और आरआई इंस्ट्रूमेंट्स एंड इनोवेशन इंडिया के संयुक्त शोध को अमली जामा पहनाएगी क्वालालम्पुर की मुगल इनोवेशंस एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड
उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय अब विदेशों में भी धूम मचाने जा रहा है। प्रदेश का पहला ऐसा विवि है जिसके शोध को विदेशी कंपनियां भी प्रोडक्शन में लाने जा रही हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड अल्मोड़ा विवि और आरआई इंस्ट्रूमेंट्स एंड इनोवेशन इंडिया के ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने वाले संयुक्त शोध की। क्या है शोध और कैसे विदेशों में धूम मचाएगा आवासीय विवि, हम आपको बताते हैं।
दरअसल, दो साल की मेहनत के बाद आवासीय विवि ने आरआई इंस्ट्रूमेंट्स के साथ मिलकर ऐसा शोध किया है जो कि ग्रीन एनर्जी की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। रिसर्च टीम ने ऐसी सोलर बैटरी, सोलर लालटेन, वायु और वाटर फिल्टर तैयार किए हैं जो कि बायोडिग्रेडेबल हैं। यानी जो कि पर्यावरण के दुश्मन नहीं बल्कि मित्र हैं। यानी आप इन सोलर एनर्जी वाले आइटम्स को यूज भी कर सकते हैं और खराब होने के बाद यह मिट्टी में शामिल हो जाएंगे। यानी खाद बन जाएंगे।
अभी तक बाजार में जो भी सोलर एनर्जी से जुड़े उपकरण मौजूद हैं, वह प्लास्टिक आधारित हैं। यानी एक बार खराब होने के बाद पर्यावरण के लिए खतरा हैं लेकिन आवासीय विवि ने जो आइटम्स तैयार किए हैं, वह ग्राफीन आधारित हैं जो कि पर्यावरण के लिए बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं हैं।
जिस कंपनी ने आवासीय विवि के साथ करार किया है, वह इन प्रोडक्ट को मलेशिया के अलावा इंडोनेशिया और जॉर्जिया में भी बेचेगी। इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए मलेशिया की कंपनी के कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद जफर, आरआई के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र पी जोशी, उत्तराखंड आवासीय विवि के कुलपति प्रो. एचएस धामी और कुलसचिव डॉ. बिपिन चंद्र जोशी ने एमओयू पर साइन किए हैं।
यह भी पढ़ें-