UGC Default List Updated : यूजीसी ने पिछले साल 31 दिसम्बर तक दिए थे लोकपाल तैनात करने के निर्देश
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने छात्रों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए लोकपाल नियुक्त न करने पर 421 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्ट सूची में शामिल करते हुए उनके नाम सार्वजनिक किए हैं। इसमें उत्तराखंड की भी छह यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को 31 दिसंबर तक नियमों के तहत लोकपाल नियुक्त करने की चेतावनी दी थी। लेकिन, विश्वविद्यालय तय समय के बाद भी नियम पूरा करने में नाकाम रहे। इसमें यूपी, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों के विश्वविद्यालयों के नाम शामिल हैं।
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से बुधवार शाम इन विश्वविद्यालयों की सूची सार्वजनिक की गई। इसमें सर्वाधिक 256 स्टेट यूनिवर्सिटी हैं। एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय नॉर्थ-ईस्टन हिल्स यूनिवर्सिटी शिलांग है। जबकि 162 निजी विश्वविद्यालय और दो डीम्ड-टु-बी यूनिवर्सिटी हैं।
उत्तराखंड की ये यूनिवर्सिटी आई यूजीसी की डिफॉल्ट लिस्ट में
1-जीबी पंत विवि, पंतनगर
2-एचएनबी उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी, देहरादून
3-उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, देहरादून
4-वीर चंद्र सिंह गढ़वाली यूनिवर्सिटी, भरसार, पौड़ी
5-हरिद्वार यूनिवर्सिटी, रुड़की
6-क्वांटम यूनिवर्सिटी, रुड़की रोड, रुड़की
यूजीसी ये कर सकता है कार्रवाई
आयोग, किसी भी संस्थान के संबंध में, जो जानबूझकर इन विनियमों का उल्लंघन करते हैं अथवा बार-बार लोकपाल या छात्र शिकायत निवारण समितियों की सिफारिश का पालन करने में विफल रहते हैं, जैसा भी मामला हो, जब तक संस्थान आयोग की संतुष्टि तक इन विनियमों का अनुपालन नहीं करता है, तब तक संस्थान के विरुद्ध निम्नवत् एक या एक से अधिक कार्यवाहियां की जा सकती हैं।
क) अधिनियम की धारा 12बी के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए उपयुक्तता की घोषणा को वापस लेना।
ख) संस्थान को आवंटित किसी अनुदान को रोका जा सकता है;
ग) आयोग के किसी भी सामान्य अथवा विशेष सहायता कार्यक्रम के तहत किसी भी सहायता को प्राप्त करने हेतु विचार किए जाने के लिए संस्थान को अयोग्य घोषित करना।
घ) संस्थान को एक निर्दिष्ट अवधि के लिए ऑनलाइन/मुक्त ओर दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पाठ्यक्रम की पेशकश करने के लिए अयोग्य घोषित करना।
ङ) ऑनलाइन / मुक्त और दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पाठ्यक्रमों की पेशकश करने की स्वीकृति को वापस लेना/रोकना/निलंबित करना।
च) उपयुक्त मीडिया में प्रमुखता से प्रदर्शित कर और आयोग की वेबसाइट पर पोस्ट कर प्रवेश हेतु संभावित अभ्यर्थियों महित जनसाधारण को सूचित करना तथा इस बाबत घोषणा करना कि संस्थान में शिकायतों के निवारण के लिए न्यूनतम मानक मौजूद नहीं हैं।
छ) महाविद्यालय के मामले में, संवद्धता को वापस लेने के लिए संबद्ध विश्वविद्यालय को सिफारिश करना।
ज) सम विश्वविद्यालय संस्थान के मामले में ऐसी कार्रवाई करना, जो आवश्यक, उचित एवं उपयुक्त हो।
झ) सम विश्वविद्यालय संस्थान के मामले में सम विश्वविद्यालय संस्थान के रूप में घोषणा को वापस लिए जाने के लिए, यदि आवश्यक हो तो, केंद्र सरकार को सिफारिश करना।
ञ) राज्य अधिनियम के अंतर्गत स्थापित अथवा निगमित विश्वविद्यालय के मामले में राज्य सरकार को आवश्यक एवं उचित कार्रवाई करने की सिफारिश करना।
८) गैर अनुपालना के लिए संस्थान के प्रति ऐसी कार्रवाई करना जो आवश्यक एवं उपयुक्त समझी जाए।
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