उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकाॅस्ट) के महानिदेशक डा. दुर्गेश पन्त ने कहा कि देश प्रबन्धन व तकनीक सम्बंधी समाधानों की भूमि है।
वे ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। यह दो दिवसीय सम्मेलन एडवान्सेस इन मैनेजमेण्ट एण्ड टेक्नोलाॅजी विषय पर आयोजित किया गया। सम्मेलन में डा. दुर्गेश पन्त ने कहा कि तकनीक और प्रबन्धन एक सिक्के के दो पहलू हैं जिनका संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, इस लिए जरूरी है कि इस तकनीकी दौर में प्रबन्धन को भावनाओं से जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि देश में टेलेंट की कमी नहीं है। कोरोना काल में भी लोगो ने देखा कि वो तमाम सामान जो पहले भारत में नहीं बनता था वह भी अब यहां बनने लगा। इसमें पीपीई किट्स से लेकर कोरोना की वैक्सीन तक शामिल हैं।
सम्मेलन में सैप जर्मनी के हेड अखिल अग्रवाल ने व्यवसाय को बढ़ाने में आर्टिफिशियल इण्टैलिजेन्स की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। सम्मेलन में आज सस्टेनेबिलिटी व एण्टरप्रिन्योरशिप पर 35 से ज्यादा प्रेजेन्टेशन दी गई। सम्मेलन का संचालन कैप्टन राजेश्री थापा ने किया।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन स्कूल ऑफ मैनेजमेण्ट ने किया। सम्मेलन में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. संजय जसोला, एचओडी प्रो. सचिन घई, कार्यक्रम संयोजक डा. मनु शर्मा, सह-संयोजक दीपक कौशल, डा. गिरीश लखेड़ा, डा. एम. पी. सिंह, दून यूनिवर्सिटी के डा. सुधांशु जोशी, शिक्षक-शिक्षिकाएं, पीएचडी स्काॅलर और छात्र-छात्राएं शामिल हुए।