उत्तराखंड में स्कूल खोलने की एसओपी हुई जारी, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

उत्तराखंड में कोरोना लॉकडाउन के बाद पहली बार खुलने जा रहे हैं स्कूल, लेकिन नियम होंगे बेहद सख्त

badi khabar
उत्तराखंड में कोरोना लॉकडाउन होने के बाद से पहली बार सरकार स्कूल खोलने जा रही है। स्कूलों के लिए एसओपी जारी की गई है लेकिन नियम काफी सख्त रखे गए हैं। खास बात यह है कि एक ओर डे बोर्डिंग स्कूल खुलेंगे तो दूसरी ओर सरकार ने बोर्डिंग स्कूलों के‌ लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य सरकार की एसओपी जारी होने के बाद निजी आवासीय समेत सभी स्कूलों को तीन दिन के भीतर अपने स्तर पर एसओपी तैयार करनी होगी। इसे मुख्य शिक्षाधिकारी को भेजेंगे। साथ स्कूलों प्रवेश द्वार, नोटिस बोर्ड में भी इसे चस्पा किया जाएगा।

बोर्डिंग स्कूलों से स्टूडेंट्स व स्टाफ की कोविड नेगेटिव जांच रिपोर्ट मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय को मिलने के 48 घंटे के भीतर स्कूलों का मुआयना होगा। नगर मजिस्ट्रेट या उप जिलाधिकारी के साथ मुख्य शिक्षाधिकारी संयुक्त रूप से स्कूल का मुआयना करेंगे। बोर्डिंग स्कूलों के लिए अलग से जारी एसओपी में विद्यार्थियों के आवासीय परिसर, भोजन समेत अन्य जरूरी व्यवस्थाओं में भी कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षा निर्देशों का पालन अनिवार्य किया गया है।

 

सफाई की होगी पुख्ता व्यवस्था

एसओपी के मुताबिक, स्कूल में सभी स्थानों, फर्नीचर, उपकरणों, स्टेशनरी, पानी की टंकियों, रसोईघर, कैंटीन, शौचालय, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय की अच्छी तरह सफाई अनिवार्य होगी। पानी की टंकी की सफाई करते हुए स्कूल खुलने से एक दिन पहले स्वच्छ जल भरना होगा। स्कूल बस शुरू करते हुए उनका सैनिटाइजेशन किया जाएगा। नियमित रूप से इस्तेमाल होने वाले स्कूल वाहन का दो बार सैनिटाइजेशन होगा।

बस, लाइब्रेरी, लैब के लिए खुद बनाना होगा प्लान

स्वास्थ्य मंत्रालय के सुझाव के मुताबिक, संशोधित सीटिंग प्लान में स्टूडेंट्स के बीच कम से कम छह फीट की दूरी रखी जाएगी। स्टूडेंट्स के बैठने के स्थान को आइडेंटिफाई किया जाएगा। खेल मैदान, लाइब्रेरी, लैब के उपयोग, ब्रेक टाइम, स्कूल परिवहन, निजी पिक अप व ड्रॉप ऑफ सुविधा समेत जरूरी बंदोबस्त के लिए स्कूल खुद एसओपी तैयार करेंगे।

 

क्लास रूम में ही होगी प्रेयर

स्कूलों में प्रेयर क्लासरूम में ही होगी। खेलकूद गतिविधियां, तैराकी, मनोरंजन संबंधी गतिविधियां नहीं होंगी। स्कूल ऐसे आयोजन नहीं करेगा, जिसमें शारीरिक दूरी संभव नहीं होगी। एसओपी में शैक्षणिक गतिविधियां के लिए नए सिरे से कैलेंडर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। कक्षा में पढ़ाई के साथ ही घर पर संपर्क बनाकर शिक्षा देने और नियमित होमवर्क न देने पर जोर दिया गया है।

प्राइवेट बोर्डिंग स्कूलों के लिए यह है एसओपी

-स्कूल खोलने के लिए स्टूडेंट्स की कोविड नेगेटिव जांच रिपोर्ट के साथ सीईओ कार्यालय में करना होगा आवेदन।

-सुरक्षित शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन संबंधी निर्देशों का पालन अनिवार्य।

-स्कूलों में स्टाफ व विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग क्वारंटाइन परिसर स्थापित किए जाएंगे।

-हॉस्टल में स्टूडेंट्स को अलग करने के लिए अस्थायी पार्टीशन किया जाएगा, दो बच्चों के बिस्तरों के बीच पर्याप्त दूरी रहेगी।

-स्टूडेंट्स के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखरेख को परामर्शदाता शिक्षक और परामर्शदाता की व्यवस्था की जाएगी।

-स्वास्थ्य संबंधी मानकों का पालन के लिए मेडिकल टीम हफ्ते में न्यूनतम एक बार किचन और मैस का करेगी मुआयना।

-भोजन बनाने के विद्यालयों में रसोइये के प्रवेश, भोजन बनाते वक्त सुरक्षा, बर्तनों की साफ-सफाई समेत तमाम व्यवस्थाओं का कड़ाई से करना होगा पालन।

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