UKPSC PCS-J 2018 Result में देहरादून की जसमीत कौर ने किया टॉप
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग(ukpsc) ने पीसीएस-जे 2018 का अंतिम चयन परिणाम जारी कर दिया है। देहरादून की जसमीत कौर ने इस रिजल्ट में टॉप किया है। आयोग ने इसके साथ ही कट ऑफ मार्क्स भी जारी किए हैं।
जसमीत ने 524 अंकों के साथ टॉप किया है। परीक्षा में 523 अंकों के साथ कार्तिकेय जोशी तीसरे स्थान पर रहे। एग्जाम में 480 अंक हासिल करने वाली रुचिका नरूला मेरिट में 18वें नम्बर पर रही है।
यह है कटऑफ मार्क्स
जज बनने के लिए सोशल मीडिया छोड़ी
कार्तिकेय जोशी ने पीसीएस (जे) परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की। गत वर्ष वह नेट-जेआरएफ में भी अपनी कामयाबी का झंडा गाड़ चुके हैं। कार्तिकेय के पिता पीके जोशी वित्त निदेशक के पद से रिटायर हैं। मां कार्ति गृहणि हैं। जबकि बहन ज्योत्सना उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में समीक्षा अधिकारी हैं। कार्तिकेय ने वर्ष 2009 में 94.8 प्रतिशत अंकों के साथ देहरादून के ब्राइटलैंड्स स्कूल से 10वीं की। इसके बाद उन्होंने आईसीएसई को छोड़कर सीबीएसई बोर्ड चुना। वर्ष 2011 में चिल्ड्रन्स एकेडमी से 80 फीसदी अंकों के साथ बाहरवीं की। क्योंकि विधि क्षेत्र में रुचि थी, इसलिए सिम्बायोसिस से बीबीए-एलएलबी किया। इसके बाद फिर नेशनल लॉ स्कूल बैंगलुरु से एलएलएम किया। उन्होंने मुम्बई में जेएम फाइनेंशियल में सीनियर एनालिस्ट के पद पर नौकरी भी की। तनख्वाह अच्छी खासी थी पर दिल और दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। उन्होंने नौकरी छोड़ दी और जुट गए अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने में। शिद्दत से तैयारी की और पहले ही प्रयास में पीसीएस (जे) की परीक्षा में सफलता अर्जित की। युवाओं के लिए उनका संदेश है कि किताबों को अपना दोस्त बनाएं। किताबों में ही सबकुछ है और यही आपको सफलता की राह दिखाती हैं। वह बताते हैं कि परीक्षा के लिए रोजाना करीब 8-10 घंटे पढ़ते थे। उन्होंने पढ़ाई के दौरान पूरी तरह तो नहीं लेकिन सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। साक्षात्कार में उनसे विधि, सामान्य ज्ञान समेत उत्तराखंड से जुड़े सवाल भी पूछे गए थे। राज्य से जुड़े सवालों में एक प्रमुख सवाल यह था कि होम स्टे क्या है और सरकार इसके प्रोत्साहन के लिए क्या-क्या कर रही है।
असफलता से निकली सफल कहानी
ओल्ड डालनवाला निवासी रुचिका नरूला ने परीक्षा में 19वां रैंक हासिल किया है। उनके पति मेजर अर्पित अग्रवाल हाल में रुड़की बीईसी सेंटर में तैनात हैं। रुचिका ने वर्ष 2006 में ब्राइटलैंड्स से 12वीं की। इसके बाद गढ़वाल विवि से एलएलबी और उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से एलएलएम किया। वह हाल में जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करती हैं। उन्होंने 2015 में भी पीसीएस (जे) की परीक्षा दी थी, पर तब अंतिम पायदान तक आकर असफल हो गई। पर इस असफलता ने उन्हें डिगने नहीं दिया। एक बार फिर परीक्षा दी और सफल रहीं। उनके भाई समीर नरूला घंटाघर पर साइकिल की दुकान चलाते हैं। रुचिका की एक साल की बेटी भी है। उनकी इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है। उनके गुरु प्रयाग आईएएस एकेडमी के निदेशक आरए खान ने भी उन्हें इस सफलता पर बधाई दी है। उनकी गुरु नितिन वशिष्ठ ने भी उन्हें बधाई दी है।
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