Uttarakhand Government Decision : Cabinet की बैठक में कई अहम फैसले हुए
उत्तराखंड सरकार(Uttarakhand Government) ने 5वीं और 8वीं के हजारों बच्चों के लिये बड़ा फैसला लिया है। अगर आपके बच्चे भी 8वीं तक की पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए भी यह खबर महत्वपूर्ण है।
उत्तराखंड में 5वीं और 8वीं में पढ़ रहे बच्चों के लिए बड़ा फैसला लिया है। अभी तक प्रदेश में पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में छात्र-छात्राओं को फेल नहीं करने और अगली कक्षाओं में भेजने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। हालांकि, फेल छात्र-छात्राओं को पास होने के लिए दो महीने के भीतर दोबारा एक अवसर दिया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियमावली-2019 में संशोधन के फैसले पर राज्य मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। यह व्यवस्था प्रदेश में हजारों की संख्या में सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगी।
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में पांचवीं और आठवीं में छात्र-छात्राओं को फेल नहीं करने और उन्हें अगली कक्षाओं में प्रोन्नत करने की पुरानी व्यवस्था खत्म करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार इस संबंध में 10 जनवरी, 2019 को आरटीई एक्ट में संशोधन कर चुकी है। राज्यों को भी यह व्यवस्था लागू करने को कहा गया है। इस वजह से राज्य सरकार ने भी अपनी आरटीई नियमावली की धारा-16 में संशोधन करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के आखिर में कक्षा पांच और कक्षा आठ में नियमित परीक्षा में फेल होने पर छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त पढ़ाई कराई जाएगी। परीक्षा परिणाम घोषित करने की तारीख से दो माह के अंतर्गत फेल छात्र-छात्राओं को दोबारा परीक्षा का मौका दिया जाएगा।
यह फैसले भी हुए
-प्रदेश के निजी नाप भूमि में खनन या चुगान के पट्टाधारकों को राहत दी है। उन्हें खनन पट्टे देने की प्रक्रिया सरल की गई है।
-कार्बेट टाइगर रिजर्व में 377.87 वर्ग किमी क्षेत्र को ईको सेंसिटिव जोन घोषित करने पर मुहर लगाई गई। साथ ही इस जोन के दायरे से सभी 47 गांव बाहर किए गए हैं।
-निजी नाप भूमि पर खनन के पट्टे देने की प्रक्रिया का सरलीकरण। खनन पट्टे देने का अधिकार अब सरकार की जगह डीएम को मिला।
-कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 377.87 वर्ग किमी ईको सेंसिटिव जोन को मंजूरी, जोन से बाहर किए सभी गांव।
-गैरसैंण में विधानसभा का चार दिनी बजट सत्र कराने पर मुहर।