अशासकीय महाविद्यालयों के लिए सरकार का आदेश, एफिलिएशन न बदली तो वेतन नहीं

Government Aided College Affiliation Issue : सरकार ने अपना रुख कर दिया स्पष्ट

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद बर्धन ने ली अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता को लेकर बैठक
◆उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुमोदन के बाद दो वर्ष का एरियर हुआ जारी
◆गढ़वाल विवि से एफिलिएटेड अशासकीय कॉलेजों को इसी साल लेनी होगी श्रीदेव सुमन विवि से एफिलिएशन
◆कॉलेजों में चलने वाले गढ़वाल विवि के सभी कोर्सेज की एफिलिएशन देगा श्रीदेव सुमन विवि

उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत(uttarakhand higher education minister dr. Dhan Singh Rawat) के अनुमोदन के बाद अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों(Aided Degree College) के कर्मचारियों का वित्तीय वर्ष 2016 से वित्तीय वर्ष 2018 के देय एरियर का भुगतान कर दिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के अनुमोदन के बाद इस बाबत शासनादेश जारी हो गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत के मुताबिक अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के पुनरीक्षण के उपरांत दो वर्ष का एरियर भुगतान कर लिया गया है। इसका लाभ करीब 458 शिक्षकों के अतिरिक्त सैकड़ों शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अशासकीय महाविद्यालय को सहायता अनुदान एवं कर्मचारियों के वेतन भत्ते के तौर पर रूपये 27 करोड़ 41 लाख जारी कर दिये हैं। जो कि चालू वित्तीय वर्ष के अंतर्गत दिया गया।

इसके साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के उपरांत विभागीय जांच का सामना कर रहे तीन अशासकीय महाविद्यालयों का माह दिसम्बर का वेतन सशर्त जारी किया गया। जिसमें डीएवी पीजी काॅलेज देहरादून(dav college dehradun), डीबीएस पीजी काॅलेज देहरादून( dbs college dehradun) एवं एसजीआरआर पीजी काॅलेज देहरादून(sgrr pg college dehradun) शामिल हैं। आदेश में बताया गया कि तीनों महाविद्यालयों के खिलाफ शिकायतों के तहत जांच जारी है। यदि जांच में शिक्षकों के द्वारा कोविड-19(covid-19) के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों के तहत महाविद्यालयों में पढ़ाई नहीं कराई गई तो ऐसे शिक्षकों के अग्रिम वेतन से समायोजित किया जाएगा।

दूसरी ओर, सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनन्द बर्धन की अध्यक्षता में अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों की सम्बद्धताके सम्बन्ध में सम्बंधित महाविद्यालयों के प्रबंधतंत्र एवं प्राचार्यों के साथ शासन, निदेशालय और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें सम्बद्धत्ता के सम्बन्ध में उनके विभिन्न आशंकाओं का निराकरण करते हुए उनसे राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध होने की अपेक्षा की गई।

बैठक में गढ़वाल मंडल के समस्त अशासकीय अनुदानित अनुदानित महाविद्यालय के प्रबंधक, प्राचार्य उपस्थित रहे। इस बैठक में अशासकीय अनुदानित महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र एवं प्राचार्यों द्वारा महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मियों के वेतन देयता के सम्बन्ध में आशंकाओं के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने यह आश्वस्त किया कि सरकार द्वारा अभी तक किसी भी कर्मी का वेतन नहीं रोका गया है और भविष्य में भी राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अशासकीय अनुदानित महाविद्यालय के वेतन की देयता पूर्व की भांति राज्य सरकार द्वारा ही किया जाएगा।

विषयों की सम्बद्धत्ता के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव ने यह आश्वस्त किया कि जिन महाविद्यालयों में जिस विषय में हे न ब गढ़वाल विश्वविश्वविद्यालय से स्थायी सम्बद्धता मिली हुई है, उन विषयों में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से सम्बद्धत्ता लेने की स्थिति में स्थायी सम्बद्धता प्रदान की जाएगी। गढ़वाल विश्वविद्यालय में सम्बद्धत्ता हेतु जमा प्रतिभूति राशि के बराबर राशि ही महाविद्यालयों को जमा करना होगा, किसी अतिरिक्त राशि को जमा नहीं करना होगा। ऐसे महाविद्यालय जो बहुत पुराने हैं तथा जिनकी किसी प्रकार की प्रतिभूति राशि गढ़वाल विश्वविद्यालय में जमा नहीं है, उनके प्रति भी सरकार सकारात्मक विचार करेगी।

कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय प्रोफेसर पीपी ध्यानी ने अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय से सम्बद्धत्ता की स्थिति में हर प्रकार के त्वरित सहायता के प्रति आश्वस्त किया। उन्होंने यह कहा कि, सरकार के निर्णय और निर्देश के क्रम में अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों को सम्बद्धत्ता की प्रक्रिया और मान्यता प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय सम्बंधित महाविद्यालयों को ऑफलाइन मोड में आवेदन करने की शिथिलता प्रदान करेगा।

महाविद्यालयों द्वारा श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होने की स्थिति में अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों में लागू CBCS पद्धत्ति के सम्बन्ध में स्पष्ट करते हुए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने कहा कि जिन महाविद्यालयों में CBCS पद्धत्ति चल रही है, वहां कोई परिवर्तन नहीं होगा। अपितु राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में अपेक्षित परिवर्तन हेतु भविष्य में समस्त माह्विद्यालयों में भी CBCS पद्धत्ति लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव ने समस्त अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों को यह आश्वस्त किया कि, आवश्यक होने पर अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों के हितों को संरक्षित करने के उद्देश्य से भविष्य में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की परिनियामावाली में भी संसोधन किया जा सकता है। इन महाविद्यालयों के छात्रों के छात्रवृत्ति समबन्धित मुद्दों के निराकरण के लिए सचिव, समाज कल्याण विभाग से भी बात करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि, चूंकि गढ़वाल विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में परिणित हो चुका है और तकनीकी रूप से अशासकीय महाविद्यालय UP यूनिवर्सिटीज एक्ट १९७३ के अधीन नहीं आता।

उन्होंने यह भी कहा कि समस्त छात्र -छत्राओं , शिक्षकों एवं महाविद्यालयों के हित इसी में निहित हैं कि वो राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्धता लें, तभी सरकार उनकी सहायता कर सकती है। उन्होंने स्पष्ट कहा की अगले वित्तीय वर्ष से केवल उन्हीं महाविद्यालयों को वेतन मिलेगा, जो राज्य विश्वविद्यालय से एफिलिएशन ले लेंगे। बैठक के दौरान अनेक महाविद्यालयों द्वारा श्रीदेव सुमन राज्य विश्वविद्यालय से सबद्धत्ता लेने हेतु सहमति भी दी गई।

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