उत्तराखंड PCS 2012 परीक्षा में एसडीएम बनने वाले मनीष बिष्ट
ईयर 2005 में फौज से बतौर सिपाही रिटायर हुए मनीष भट्ट की कहानी जरा अलग है। वह उन सबके लिए भी मिसाल है, जो कि हालात से हारकर गलत राह चुन लेते हैं।
मनीष की कहानी इसलिए भी अलग है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद लोग घर बैठ जाते हैं लेकिन मनीष ने नई शुरुआत की। आज वह सभी युवाओं ही नहीं रिटायर्ड होने वालों के लिए भी मिसाल हैं। वह भले ही आगे जॉब न कर पाएं लेकिन कई काम तो कर ही सकते हैं।
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के चंडाक निवासी मनीष बिष्ट ने डीएवी पब्लिक स्कूल हल्द्वानी ८वीं करने के बाद ब्वायज स्पोट्र्स कंपनी रानीखेत से 10वीं पास कर सेना में भर्ती हो गए। इसके बाद वह 15 कुमाऊं रेजीमेंट में स्पोट्र्स कोटे से बतौर सिपाही भर्ती हो गए। सेना से वह 2005 में रिटायर हुए। इसके बाद पीसीएस की तैयारी में जुट गए। पीसीएस 2010 दी, जिसका परिणाम 2015 में आया। मनीष ने परीक्षा पास की और इन दिनों वह चंपावत के पाटि में बतौर उप शिक्षा अधिकारी सेवाएं दे रहे हैं।
मनीष की पत्नी निर्मला बिष्ट भी 2010 बैच की है और चमोली में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। बेटे की इस कामयाबी से माता सीमा बिष्ट और पिता माधव सिंह बिष्ट भी बेहद खुश हैं।