बड़ी खबर: उत्तराखंड में CSAT क्वालिफाइंग

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने शासन को भेजा प्रस्ताव, सीसैट क्वालिफाइंग करने की चल रही है लंबे समय से मांग

उत्तराखंड में पीसीएस प्री परीक्षा में सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) क्वालिफाइंग होने जा रहा है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने इसका प्रस्ताव पास कर दिया है। अब शासन के पास भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि जैसे ही पीसीएस की नई भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा, उसमें सीसैट क्वालिफाइंग ही होगा।

 

यूपीएससी ने वर्ष 2011 में सीसैट लागू किया था। बाद में देशभर के छात्रों के विरोध के चलते यूपीएससी ने इसे क्वालिफाइंग कर दिया था। यानी इस पेपर में 33 अंक लाने अनिवार्य हैं लेकिन यह रिजल्ट का हिस्सा नहीं माने जाएंगे। अगर कोई स्टूडेंट 33 मार्क्स नहीं ला पाएगा तो वह फेल माना जाएगा।

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यूपीएससी के बाद उत्तर प्रदेश सहित देश के लगभग सभी राज्यों ने सीसैट को क्वालिफाइंग कर दिया है। उत्तराखंड में लंबे समय से इसे क्वालिफाइंग करने की मांग की जा रही थी। आयोग में कई बार लोगों ने इस बारे में अपनी बात भी रखी। हाल ही में ऊधमसिंह नगर निवासी इकबाल अहमद ने आरटीआई के तहत आयोग से सूचना मांगी तो आयोग ने बताया कि वह सीसैट को क्वालिफाइंग करने का प्रस्ताव शासन को भेज चुके हैं।

 

क्या है सीसैट

दरअसल, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने वर्ष 2011 में सिविल सेवा प्री परीक्षा में सीसैट पैटर्न लागू किया था। इसके तहत वैकल्पिक विषय का विकल्प खत्म कर दिया गया था। इसके बजाए सभी विषयों को साथ जोड़ दिया गया था। पहले अंग्रेजी के सवालों को मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जाता था लेकिन सीसैट आने के बाद यह मूल्यांकन का हिस्सा बन गए थे। सीसैट आने के बाद प्री परीक्षा का पहला पार्ट करेंट अफेयर्स और रीजनिंग पर आधारित हो गया था जबकि परीक्षा का दूसरा पार्ट इंगलिश कंप्रिहेंशन, कम्यूनिकेशन स्किल्स, लॉजिकल रीजनिंग, एनालिटिकल एबिलिटी, डिसिजन मेकिंग कैपेसिटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग पर आधारित हो गया था। हालांकि बाद में पेपर के पार्ट 2 में होने वाले इंगलिश कंप्रिहेंशन और एप्टीट्यूड टेस्ट का छात्रों ने विरोध किया था और यूपीएससी ने रोलबैक करते हुए सीसैट को क्वालिफाइंग कर दिया था।

 

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