महज 2 साल के भीतर यूजीसी ने दी एसजीआरआर यूनिवर्सिटी को मान्यता
श्री गुरु राम राय विवविद्यालय को विवविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता मिल गई है। एसजीआरआर विवि उत्तराखण्ड का पहला ऐसा विवि है, जिसे रिकॉर्ड समय महज़ दो वर्षों की स्थापना के भीतर ही यूजीसी से मान्यता मिली है। विवि अनुदान आयोग के अधिनियम 1956 की धारा 2 (एफ) के अन्तर्गत एसजीआरआर विवि को मान्यता मिलना महत्वपूर्णं उपलब्धि है। अमूमन विवि को यूजीसी से मान्यता प्राप्त करने में 5 से 10 साल तक का समय लग जाता है।
विवि के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कुलपति डॉ पीताम्बर प्रसाद ध्यानी, सभी फेकल्टी सदस्यों, टीचिंग-नॉन टीचिंग सदस्यों, स्टाफ व छात्र-छात्राओं को इसके लिए हार्दिक बधाई दी है। कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने इस अवसर पर विवि के सभी सदस्यों का आह्वाहन किया कि आप सभी के पास यह सुअवसर है कि आप सभी शिक्षा, स्वास्थ्य व चिकित्सा, योग एवम् कृषि के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को नए मुकाम तक पहुंचाने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।
एसजीआरआर विवि के कुलपति डॉ पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 27 जून 2017 को विवि की स्थापना की अधिसूचना जारी हुई थी। दिनांक 6-7-8 मार्च 2019 को विवि अनुदान आयोग की टीम ने विवि का निरीक्षण किया था। ग्यारह सदस्यीय निरीक्षण टीम में मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया से एक प्रतिनिध, नर्सिंग काउंसिल ऑफ इण्डिया से एक प्रतिनिधि, डेंटल काउंसिल ऑफ इण्डिया से एक प्रतिनिधि, इण्डियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च से एक प्रतिनिधि, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इण्डिया से एक प्रतिनिधि, नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेन से एक प्रतिनिधि और विवि अनुदान आयोग के पॉच प्रतिनिधियों सहित कुल 11 सदस्यीय टीम ने विवि का गहन निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान टीम ने एसजीआरआर विवि की आधारभूत सुविधाएं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, विवविद्यालय की वित्तीय स्थिति, फेकल्टी संख्या, फेकल्टी के शोध कार्य, लाइब्रेरी में आवशयक पुस्तकों की उपलब्धता, राष्ट्रीय एवम् अन्तर्राट्रीय शोधपत्र एवम् जर्नल्स की उपलब्धता आदि सहित विभिन्न कसौटियों पर टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। इन सभी कसौटियोंं पर एसजीआरआर विवि को पूर्ण रूपेण खरा पाए जाने के बाद ही यूजीसी की ओर से मान्यता का पत्र आज दिनांक 27 जून 2019 को जारी किया गया है।
यूजीसी ने कुछ प्रमुख बिन्दुओं पर एसजीआरआर विवि द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्णं कार्यों की अत्यन्त सराहना की। इसमें विवि द्वारा स्थापित मजबूत शैक्षणिक एवम् कानूनी दायित्वों का ढांचा, वित्तीय सक्षमता, विज़डम डॉक्यूमेंट-2030 की समग्रता, पूर्णं पारर्दा परीक्षा प्रणाली व बेहद कम समय में एसजीआरआर विवविद्यालय का हिमालियन यूनिवर्सिटी कन्सोरियम, जिसमें की दुनिया भर के 62 चुनिंदा विवविद्यालय ामिल हैं, में सदस्य के रूप में चुना जाना आदि है।
विवि अनुदान आयोग से मान्यता मिलने के बाद श्री गुरु राम राय विवि को अब भविय में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवम् विभागों आदि से शैक्षणिक एवम् शोध कार्यों के लिए अनुदान मिलने के अवसर मिलेंगे। इसके चलते उत्तराखण्ड के छात्र-छात्राआें व शोधार्थियों को अब अन्तर्राट्रीय स्तर पर भी ाध कार्यों को करने का लाभ मिलेगा।
विवि के कुलपति डॉ पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने विवि परिवार के सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि सभी के सहयोग, सकारात्मक सोच, टीम भावना एवम् कठिन परिश्रम से अब श्री गुरु राम राय विवविद्यालय को दे में एक उत्कृट विवि बनाना सबका एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए।