तमिल और अंग्रेजी लैंग्वेज में पेपर का डिफिकल्टी लेवल अलग-अलग होने पर कैंडिडेट्स ने दायर की याचिका
एमबीबीए, बीडीएस एडमिशन की देश की सबसे बड़ी नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की सभी प्रक्रियाओं पर पर मद्रास हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीएसई को नोटिस जारी करते हुए सात जून तक जवाब मांगा है। इस वजह से अब आठ जून को नीट का रिजल्ट जारी नहीं होगा।
इस बार नीट का आयोजन अंग्रेजी, हिंदी सहित 10 अन्य लैग्वेज में भी किया गया था। जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, असमी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, कन्न्ड़, ओडि़या, तमिल और तेलुगू शामिल है। कुछ कैंडिडेट्स ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि सीबीएसई ने विभिन्न लैंग्वेज के हिसाब से नीट का डिफिकल्टी लेवल में गड़बड़ी की है। तमिलनाडु में जिन कैंडिडेट्स ने यह एग्जाम अंग्रेजी में दिया है, उनके लिए मुश्किल सवाल पूछे गए जबकि जिन्होंने एग्जाम तमिल में दिया है, उनसे आसान सवाल पूछे गए। ऐसे में समानता नहीं रही। मद्रास हाईकोर्ट ने नीट की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
अब आठ जून को नहीं आएगा रिजल्ट
नीट का आयोजन देशभर में 07 मई को किया गया था। देशभर के 1921 परीक्षा केंद्रों पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया था। इस परीक्षा में 11 लाख 35 हजार 104 कैंडिडेट्स ने हिस्सा लिया था जो कि लास्ट ईयर के मुकाबले 41.42 परसेंट ज्यादा है। जल्द ही इसकी आंसर की जानी होने वाली थी। इस बीच मद्रास हाईकोर्ट का स्टे आने के बाद सभी प्रक्रिया पर रोक लग गई है। सात जून तक हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। परीक्षा का रिजल्ट आठ जून को आना था लेकिन अब निर्धारित तिथि पर जारी नहीं होगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही अब नीट पर कोई फैसला हो सकेगा।