बिहार बोर्ड को कोर्ट में घसीटने वाली प्रियंका सिंह को मिला न्याय, बोर्ड के टॉप-10 में आई
प्रियंका सिंह, एक ऐसी लड़की, जिसकी कहानी वाकई मिसाल है। प्रियंका को खुद पर इतना भरोसा था कि वह बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट के खिलाफ बिहार बोर्ड को हाईकोर्ट खींचकर ले गई। कोर्ट ने सभी तथ्यों की जांच की और प्रियंका को न्याय मिल गया।
बिहार के सहरसा सिमरी बख्तियारपुर ब्लॉक के सिटनाबाद गांव की निवासी प्रियंका सिंह को बिहार बोर्ड ने बोर्ड एग्जाम में फेल कर दिया था। लेकिन मेहनती प्रियंका को बोर्ड के इस मूल्यांकन पर शक था। प्रियंका को संस्कृत में केवल नौ मार्क्स मिले थे। इस वजह से वह फेल हो गई थी। विज्ञान में भी अपेक्षा से कम मार्क्स मिले थे। प्रियंका ने अपने आंसर सीट को स्क्रूटनी का फॉर्म भरा लेकिन बिहार बोर्ड ने रिजल्ट में कोई बदलाव नहीं किया। लिहाजा, प्रियंका ने बिहार बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रियंका की उत्तर पुस्तिका मंगाई। प्रियंका ने देखी तो कहा कि वह उसकी उत्तर पुस्तिका नहीं है। अब मामला और गंभीर हो गया। बोर्ड को निर्देश दिए गए कि हर हाल में प्रियंका की उत्तर पुस्तिका लाई जाए। प्रियंका की हैंडराइटिंग का कोर्ट ने सैंपल लिया। उत्तर पुस्तिका पर गलत बारकोडिंग होने की वजह से उसके मार्क्स किसी और छात्रा को मिल गए थे। उत्तर पुस्तिका आई तो बोर्ड की गलती भी खुलकर सामने आ गई। बिहार बोर्ड ने अपनी गलती स्वीकार की। प्रियंका ने फर्स्ट डिविजन के साथ परीक्षा पास करने के साथ ही पूरे बिहार स्टेट में 10वां स्थान हासिल किया है।
हाईकोर्ट ने बेहद लापरवाही मानते हुए बिहार बोर्ड पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही बिहार बोर्ड ने अब संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं। प्रियंका की कहानी अपने हक और इंसाफ के लिए लड़ने वालों की फेहरिस्त में स्वर्ण अक्षरों के साथ जुड़ गई। इसके साथ ही बिहार बोर्ड में होने वाली लापरवाही भी खुलकर सामने आ गई। हाईकोर्ट ने फिलहाल बिहार बोर्ड को सभी उत्तर पुस्तिकाएं संभालकर रखने के निर्देश भी दिए हैं।
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