पढ़िये – उत्तराखंड में कितने आयुर्वेदिक कालेज, होनहारों के लिए क्या करते हैं बाबा रामदेव

उत्तराखंड आयुष प्री मेडिकल टेस्ट(UAPMT) से भरी जाती हैं उत्तराखंड के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कालेजों में सीटें

उत्तराखंड में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कालेजों में हर साल यूएपीएमटी से सीटें भरी जाती हैं। उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी हर साल यह प्रवेश परीक्षा आयोजित कराता है। खास बात यह है कि वर्ष 2018 से सभी गवर्नमेंट कोटे की सीटों के साथ ही मैनेजमेंट कोटे की सीटों पर भी यूएपीएमटी से ही दाखिले किए जाएंगे। उत्तराखंड में अभी 605 गवर्नमेंट कोटे और 605 मैनेजमेंट कोटे की सीटें हैं।

जानिये – उत्तराखंड में किस नर्सिंग कालेज में कितनी सीटें

 

किस कालेज में कितनी सीटें

आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, गुरुकुल कैंपस, हरिद्वार – 60 (BAMS)

आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, ऋषिकुल कैंपस, हरिद्वार – 60 (BAMS)

आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, हर्रावाला कैंपस, देहरादून – 60 (BAMS)

हिमालयीय आयुर्वेदिक पीजी मेडिकल कालेज, डोईवाला – 60 (BAMS)

उत्तरांचल आयुर्वेदिक कालेज, राजपुर, देहरादून – 100 (BAMS)

क्वाड्रा इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, रुड़की – 60 (BAMS)

ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज, हरिद्वार – 60 (BAMS)

मदरहुड आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज, हरिद्वार – 100 (BAMS)

शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड रिसर्च, झाझरा, देहरादून – 60 (BAMS)

उत्तरांचल यूनानी मेडिकल कालेज, मुस्तफाबाद, हरिद्वार – 60 (BUMS)

चंदोला होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, रुद्रपुर – 50 (BHMS)

दून इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद फैकल्टी मेडिकल साइंसेज, शंकरपुर, सहसपुर – 60 (BAMS)

देवभूमि मेडिकल कालेज ऑफ आयुर्वेद एंड हॉस्पिटल, नौगांव, मांडुवाला, देहरादून – 60 (BAMS)

बिहाईव आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल, सेंट्रल होपटाउन, सेलाकुई – 60 (BAMS)

पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, बहादराबाद, हरिद्वार – 60 (BAMS)

(इनमें 50 परसेंट सीटें गवर्नमेंट और 50 परसेंट सीटें मैनेजमेंट कोटे की हैं।)

 

पतंजली नहीं भरता मैनेजमेंट कोटे की सीटें

बाबा रामदेव का पतंजली भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्‍थान मैनेजमेंट कोटे की सीटों पर दाखिला नहीं करता है। एक ओर जहां प्राइवेट कालेजों पर मैनेजमेंट कोटे की सीटें भरने के लिए मोटा पैसा कमाने का आरोप लगता है तो दूसरी ओर पतंजली कालेज अपनी मैनेजमेंट सीटें भरने की जिम्मेदारी भी उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी को ही दे देता है। लिहाजा, यूएयू की ओर से पतंजली की सभी सीटें यूएपीएमटी की काउंसिलिंग से ही भरी जाती हैं।

 

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