वरिष्ठ समाज सेवी वाई पी भारद्वाज ने आज अंतिम सांस ली। वह 83 वर्ष के थे। भारद्वाज के शोक में आज ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान बंद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारद्वाज के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है।
बलबीर रोड स्थित निवास पर भारद्वाज ने आज तड़के साढ़े चार बजे अंतिम सांस ली। वह कुछ अरसे से बीमार थे। उन के निधन की खबर पहुंचते ही शिक्षा से जुड़े अनेक संस्थानों में शोक की लहर दौड़ गई। श्रद्धांजलि सभा के बाद आज ग्राफिक एरा डीम्ड और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के साथ ही ग्राफिक एरा का विद्यालय भी बंद कर दिया गया। आज होने वाली परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं। दोपहर तक उन के निवास पर अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचने वालों की भीड़ लगी रही। इस के बाद हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारद्वाज के छोटे दामाद डॉ. कमल घनशाला को सांत्वना देने के साथ ही भारद्वाज के निधन को अपूर्णीय क्षति बताया। शिक्षा क्षेत्र में योगदान, गरीब और बेसहारा बच्चों की परवरिश के जरिए भारद्वाज ने सैकड़ों युवाओं की जिंदगी को अंधकार से निकाल कर उन्हें कामयाब बनाया। कोरोना काल में भी उन्होंने अपने परिवार के जरिए पीड़ितों और मजदूर वर्ग के लोगों को सहारा दिया। अपने पीछे वे अपनी पत्नी और पुत्रियों राखी घनशाला, निर्मला मैंदोला, उर्मिला जुयाल, बीना, किरण और रेनू के भरे पूरे परिवार को बिलखता छोड़ गए हैं।