पढ़िए : उत्तर प्रदेश के मंत्री ने क्यों रिंकू को बताया अपना हीरो, प्रेरणादायक है रिंकू की कहानी

हमारा हीरो : रिंकू राही …उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण असीम अरुण ने एक्स पर साझा की रिंकू राही की प्रेरणादायक कहानी

Ias rinku

कल ’12th फेल फिल्म’ देखी, जो IPS मनोज शर्मा जी की, तमाम अभावों के बावजूद, कठिन परिश्रम और लगन के साथ सफल होने की कहानी है।

ऐसी सफलता की कहानियां सुनकर हम सब प्रेरित होते हैं क्योंकि इनसे हमें अपनी चुनौतियां आसान लगने लगती हैं। ऐसी ही एक कहानी है रिंकू राही की, जिनके बारे में, सुखद संयोग, कि आज ही यह बड़ी खबर मिली कि उन्हें यूपी कैडर मिल गया!

यह सुनकर मन गदगद हुआ और एक बार रिंकू की पूरी कहानी आंखों के सामने से दौड़ गई।

वर्ष 2008 में रिंकू राही समाज कल्याण अधिकारी सिलेक्ट हो कर मुजफ्फरनगर में नियुक्त हुए। वहां पर उन्होंने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरूद्ध ठोस कार्रवाई की जिसका परिणाम यह हुआ कि वहां के माफिया ने उन पर हमला किया जिसमें 5 गोलियां उनके पेट में और एक सिर में लगीं। शूटर रिंकू को मरा जानकर छोड़ गए।

इसको ईश्वर का अशीर्वाद कहें या रिंकू की दृढ़ इच्छा शक्ति कि इसके बाद भी वे बच गए। अस्पताल में लंबी लड़ाई लड़ी। तमाम तरह की सर्जरी हुईं। लगभग 2 साल के इलाज के बाद काफी हद तक स्वस्थ हो गए। रिंकू अपने सिद्धान्तों पर अडिग रहे और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ते रहे।

मार्च 2022 में जब मुझे समाज कल्याण मंत्री का प्रभार मिला तो रिंकू से फोन पर बात हुई, फिर मुलाकात हुई। रिंकू हापुड़ स्थित राजकीय अनुसूचित जाति IAS- PCS कोचिंग का नेतृत्व व संचालन कर रहे थे। हर साल अच्छी संख्या में बच्चों का चयन हो रहा था। क्योंकि रिंकू के कुछ अटेम्प्ट अभी बचे थे, मैंने जोर दिया कि आप परीक्षा पुन: देने के बारे में सोचें। बहुत सारा उनका अपना मोटिवेशन और मेरा छोटा सा धक्का और रिंकू ने एक और अटेम्प्ट दिया, जिसमें इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन कोई सर्विस नहीं अलॉट हुई क्योंकि नंबर कुछ कम रह गए।

उन्होंने हार नहीं मानी और दोबारा तैयारी की। परिणाम यह रहा कि वर्ष 2023 के रिजल्ट में यूपी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कोचिंगों के 24 कैंडिडेट सिलेक्ट हुए और उनके गुरू रिंकू राही भी!

रिंकू के जीवन का सस्पेंस अभी जारी था। सबसे पहली सूची में इनको इंडियन रेवेन्यू सर्विस (कस्टम्स) मिली, किन्तु कुछ ऐसी संभावनाएं थीं कि सर्विस चेंज हो जाए। कई महीने सस्पेंस रहा और उसके बाद खुशी और बढ़ गई जब रिंकू को IAS आवंटित हुई। उसकी खुशी में एक लहर और आनी बची थी कि कल जब कैडर अलॉटमेंट हुआ तो रिंकू को यूपी कैडर भी मिल गया।

निश्चित रूप् से ये स्टोरी किसी फिल्म से कम नहीं है। जो लोग सरकारी सेवाओं के लिए परीक्षा दे रहे हैं या सरकारी सेवा कर रहे हैं या कहीं भी हैं। शायद इससे ज्यादा मोटिवेशनल कोई और स्टोरी नहीं हो सकती। मुझे लगा कि आज मैं रिंकू सिंह व उनके परिवार को इस अवसर पर हृदय से बधाई दूं और आप के सामने एक प्रेरणादायक स्टोरी रखूं… हमारे हीरो: रिंकू राही की।
(उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री Asim Arun जी की पोस्ट से साभार)

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