Breaking : तय डेट के 15 दिन तक डॉक्यूमेंट वेरिफाई न कराए तो हाथ से निकल जाएगी नौकरी

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(UKSSSC) ने जारी की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पॉलिसी

badi khabar

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(UKSSSC) ने भर्तियों में होने वाले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की पॉलिसी जारी कर दी है। इसमें कई ऐसे प्रोविजन किए गए हैं, जिनकी जानकारी न होने पर सरकारी नौकरी(Sarkari Naukri) आपके हाथ से निकल सकती है। हम आपको बता रहे हैं इस पॉलिसी की खास बातें।

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डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई कराने आने पर सबसे पहले बायोमीट्रिक अटेंडेंस होगी। जिससे परीक्षा के दौरान दी गई बायोमीट्रिक डाटा से मिलान किया जाएगा। इसके बाद डॉक्यूमेंट्स की दो सेल्फ अटेस्ट फोटोकॉपी देनी होगी, जिनसे ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स का मिलान किया जाएगा।

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वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद रिक्त पदों की योग्यता, आयु सीमा, पात्रता को देखा जाएगा कि वह उम्मीदवार किस विभाग में नौकरी के काबिल है। साथ ही आवेदन पत्र में भरी गई सूचनाओं का मिलान किया जाएगा। इसके बाद उम्मीदवार को उपलब्ध पदों, विभागों, जिला और मंडल का विकल्प मेरिट के आधार पर दिया जाएगा।

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उम्मीदवारों को भर्ती परीक्षा में हासिल अंकों की श्रेष्ठता के आधार पर ही अभिलेख सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा और इसी आधार पर मेरिट बनेगी। अगर कोई उम्मीदवार ऐसा डॉक्यूमेंट देता है, जो कि उस पद की योग्यता को लेकर स्पष्ट नहीं है तो ऐसे उम्मीदवार के डॉक्यूमेंट्स को आयोग अलग से रख लेगा। इस पर फैसला लेने के बाद संबंधित उम्मीदवार को सूचित कर दिया जाएगा।

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डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद उम्मीदवार को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से पद, विभाग, जनपद मंडल भरने का विकल्प दिया जाएगा। इस आवेदन की हार्डकॉपी निकालकर उस पर उम्मीदवार के हस्ताक्षर कराए जाएंगे। इसकी एक कॉपी आयोग के पास सुरक्षित रहेगी। खास बात यह है कि एक बार उम्मीदवार विभागों, जिले आदि का जो विकल्प भर देगा, उसमें बाद में बदलाव नहीं हो सकेगा।

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अगर कोई उम्मीदवार दस्तावेज सत्यापन के समय अस्पताल में भर्ती है या फिर उसके दस्तावेज कहीं और जमा हैं तो उसे 15 दिन से अधिक का समय मिल सकता है। इसके लिए उसे अलग से आयोग के सचिव को कारण और प्रमाण के साथ पत्र भेजना होगा। इस पर आयोग ही अंतिम निर्णय लेगा।

आयोग की डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन पॉलिसी हिंदी में पढ़ने को यहां क्लिक करें

 

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