SRHU की स्टूडेंट का इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर में चयन

दिव्या त्यागी ने एसआरएचयू से बायोटेक साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की

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स्वामी  राम हिमालयन विश्वविद्यायल (एसआरएचयू) की बायोटेक मेडिकल की छात्रा दिव्या त्यागी का इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर के लिए चयन हुआ है। दिव्या ने इस कामयाबी के लिए विश्वविद्यायल के टीचर व माता-पिता को अपना प्रेरणास्रोत्र बताया।

मलूरुप से बिजनौर के ग्राम सिलाना निवासी दिव्या त्यागी एसआरएचयू बायोटेक में मास्टर ऑफ साइंस की छात्रा है। स्कूल जीवन से दिव्या होनहार रही। 10वी, 12वीं व ग्रेजुएशन में प्रथम श्रेणी से पास है। इसके बाद रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाने की सोची। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में साल 2017 में एमएससी बायोटेक कोर्सेस में प्रवेश लिया। दिव्या के मुताबिक एसआरएचयू में उसे अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिला। क्लासमेट हो या विश्वविद्यालय की फैकल्टी सभी ने हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

रिसर्च के क्षेत्र में भाभा एटोमिक रिसर्च केंद्र से छह माह का प्रोजेक्ट किया। इसके बाद आईआईएससी से पीएचडी करने के लिए उन्होंनै तैयारी शुरू की। तैयारी के लिए फैकल्टी ने उन्हें समय-समय पर गाइडेंस व मोटिवेट किया। आखिरकार इंटरव्य के बाद आईआईएसी बैंगलोर में उनका चयन हो गया। कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने दिव्या को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

 

किसान पिता की खेत में मदद भी करती है दिव्या

दिव्या बताती हैं कि उनके पिता प्रदीप कुमार त्यागी व माता ऊषा देवी किसान हैं। कुछ कारणों से पिताजी बमुश्किल हाईस्कूल ही कर पाए। खेती कर उनके पिता उनका लालन-पालन किया। छोटी उम्र से ही उन्हें अपने पिताजी के साथ खेत में काम करना अच्छा लगता था। कॉलेज से छुट्टियों में घर जाने पर अब भी वह खेतों में काम करती हैं।

 

बचपन से ही साइंटिस्ट बनने का ख्वाब

दिव्या कहती हैं कि बचपन से कुछ नया खोजने की ललक थी। इसी का नतीजा रहा कि धीरे-धीरे यह ललक उन्हें साइंटिस्ट बनने की ओर प्रेरित करने लगी। इसके अलावा दिव्य तीरांदाजी में भी माहिर हैं। एनसीसी का ‘सी’ सर्टिफिकेट हासिल किया। कविता लेखन में भी दिव्या का शौक है।

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