यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा, विशेषज्ञ देंगे बारीकी से जानकारी
शोध व ग्रामीण उत्थान के क्षेत्र में स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी (एसआरएचयू) व प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन (पीएमएफ) संयुक्त रुप से काम करेंगे। एसआरएचयू व पीएमएफ के बीच एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर किए गए। यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को भविष्य में इसका लाभ मिलेगा।
नई दिल्ली स्थित प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन कार्यालय में आयोजित भव्य समारोह मेंकुलपति डॉ.विजय धस्माना व पीएमएफ की डायरेक्टर ओमिता पॉल ने एमओयू पत्र पर हस्ताक्षर किए। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा के सम्मुख एमओयू पत्र साइन किया गया।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि हमअनुसंधान, शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए एसआरएचयू को एक जीवंत स्थान बनाना है। स्मार्ट विलेज को हिमालयन इंस्टिट्यूट की रूरल डेवलेपमेंट इंस्टिट्यूट पहले से ही काम कर रहा है।
पीएमएफ के साथ करार और सहयोग मिलने से इन क्षेत्रों में कार्य को और संभवत: और अधिक गति मिलेगी।यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा। डॉ.धस्माना ने बताया कि एसआरएचयू का फोकस महज डिग्री व शिक्षा देना नहीं बल्कि युवाओं को समाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरुक करना भी है।
इससे पहले भी शिक्षा, शोध व स्किल डेवलेपमेंट के क्षेत्र में एसआरएचयू ने लौरिया फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एपलाइड साइंसेज, जर्मनी की रॉसटॉक यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड सरकार के अधीन उत्तराखंड अन्तरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की, आईबीएम सहितआईएलएफएस (इंफ्रांस्टक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज) के साथ गठबंधन किया है।
Great initiative. This will help youth in many ways.