कैबिनेट ने दी आईआईएम बिल 2017 को मंजूरी
देश के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट(आईआईएम) में पढ़ने वाले युवाओं को अब डिप्लोमा नहीं बल्कि डिग्री मिलेगी। हाल ही में कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। लंबे समय से इसकी मांग चलती आ रही थी। आने वाले बजट सत्र में इसकी घोषणा की जा सकती है। इसके बाद आईआईएम से एमबीए करने वालों को डिग्री मिल सकेगी।
देश में इस समय 20 भारतीय प्रबंधन संस्थान हैं। हर साल बेहद मुश्किल कॉमन एडमिशन टेस्ट(कैट) एग्जाम से इन संस्थानों में दाखिला होता है। देश के कई टॉप आईआईएम जैसे अहमदाबाद, कोलकाता, बैंगलोर, दिल्ली में हर साल बेहद मुश्किल प्रतियोगिता के बाद दाखिला मिलता है। अब तक आईआईएम कोई यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं मिला हुआ था। इसलिए सभी आईआईएम डिग्री के बजाए केवल डिप्लोमा देते थे। हालांकि इस डिप्लोमा की मांग भी देश-विदेश की नामी-गिरामी कंपनियों में जबर्दस्त है।
पहले तीन साल होगी जांच
आईआईएम बिल के पास होने के बाद देश में जो भी नए आईआईएम खुलेंगे, पहले तीन साल तक वह ट्रायल पीरियड में रहेंगे। तीन साल तक उनकी परफॉर्मेंस देखने के बाद ही उन्हें डिग्री देने के काबिल बनाया जाएगा। कैट के विशेषज्ञ और कॅरियर लांचर के निदेशक अमित मित्तल का कहना है कि देश के प्रबंधन पढ़ाई के इतिहास में यह बड़ी कामयाबी साबित होने जा रही है।