अब यह नियम न माना तो बंद हो जाएंगे बीएड कालेज

 

देशभर के बीएड व एमएड कालेजों में लागू हुआ NCTE का यह सख्त नियम

देश के सभी बीएड व एमएड कालेजों में अब नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने सख्त नियम लागू कर दिया है। इसके तहत अब बीएड और एमएड पढ़ाने वाले कालेजों में केवल नेट और पीएचडी क्वालिफाई टीचर्स ही पढ़ा सकेंगे।

एनसीटीई ने हाल ही में यह नियम न केवल बीएड व एमएड बल्कि उन सभी संस्थानों के लिए भी लागू कर दिया है, जहां टीचर ट्रेनिंग होती है। इस नियम से देश के बीएड, एमएड कालेजों पर बड़ा असर पड़ेगा।

खासतौर से उन कालेजों पर असर पड़ेगा जो कि केवल जुगाड़बाजी से कालेज चला रहे हैं। देश में कई बीएड व एमएड कालेज तो ऐसे भी हैं, जिनकी कागजों में फैकल्टी अलग है और हकीकत में अलग है। एनसीटीई अब ऐसे सभी संस्थानों पर शिकंजा कस रहा है।

एनटीसीई के चेयरमैन ए संतोष मैथ्यू का कहना है कि यह नियम पहले से तैयार था। अब इसे इंप्लीमेंट कराया जा रहा है। यह नियम यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के नियमों के तहत लागू किया जा रहा है। यूजीसी का नियम है कि बिना नेट और पीएचडी वाले युवा फैकल्टी नहीं बन सकते हैं।

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अचानक आएगी डिमांड

कालेजों में केवल नेट और पीएचडी की अनिवार्यता के नियम से देशभर में बीएड और एमएड के बाद नेट व पीएचडी करने वाले टीचर्स की डिमांड अचानक बढ़ने वाली है। जरूरत के मुकाबले देश में इनकी संख्या काफी कम है।

 

 

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