पढि़ये – गांवों के लाल, IIT में कैसे मचा रहे धमाल

आईआईटी की JEE Report 2016 में सामने आई ग्रामीण भारत की नई तस्वीर

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देश के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में गांवों के लाल भी खूब धमाल मचा रहे हैं। आईआईटी की जेईई रिपोर्ट 2016 में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक गांव के 25 प्रतिशत से ज्यादा युवा हर साल आईआईटी में दमदार एंट्री कर रहे हैं।

 

जेईई रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी में वर्ष 2016 में दाखिला पाने वालों में हालांकि शहरी क्षेत्र के छात्रों की संख्या ज्यादा है लेकिन गांवों के युवा भी अब तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 में कुल  दाखिला लेने वाले छात्रों में से 74.36 प्रतिशत युवा शहरी थे जबकि 25.64 प्रतिशत युवा ग्रामीण थे।

 

ग्रामीण से मतलब है कि यह उन स्कूलों के बच्चे हैं, जिन्होंने अपने गांव के ही इंटर कालेज में 12वीं पास की है।

 

आईआईटी की रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। इसके मुताबिक सबसे ज्यादा उन गरीब छात्रों का चयन आईआईटी में हुआ है, जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख रुपये तक है। खास बात यह है कि आईआईटी में या तो बेहद गरीब परिवारों के बच्चे दाखिले हुए हैं या फिर उन परिवारों के बच्चे दाखिल हुए हैं, जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रुपये या इससे ऊपर है।

 

गांवों के हिसाब से बात करें तो आईआईटी में  दाखिला पाने वालों में किसानों के 8.42 परसेंट बच्चे हैं जो कि एक अच्छा संकेत माना जाता है।

 

कोचिंग नहीं सेल्फ स्टडी में कामयाबी का राज

जेईई रिपोर्ट 2016 के मुताबिक मोटी फीस खर्च कर कोचिंग करने वाले छात्रों की सेलेक्शन परसेंटेज, सेल्फ स्टडी करने वाले स्टूडेंट्स के मुकाबले कम है। रिपोर्ट के मुताबिक जहां 44.54 परसेंट कोचिंग वाले स्टूडेंट्स का आईआईटी में सेलेक्शन हुआ है, वहीं 52.37 परसेंट सेल्फ स्टडी वाले स्टूडेंट्स का सेलेक्शन आईआईटी के लिए हुआ है। सबसे ज्यादा बच्चे सरकारी नौकरी करने वालों के सेलेक्ट हुए हैं।

 

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