हाईकोर्ट की फटकार का असर : गढ़वाल विवि ने रद्द किया सीट वापसी का आदेश

मार्च 2018 में गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने जारी किया था फरमान

File Pic.

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 100 से ज्यादा कोलेजों को बड़ी राहत मिली है। विवि ने मार्च में जारी अपना सीट्स वापसी का आदेश रद्द कर दिया है।

गढ़वाल विवि को वर्ष 2009 में केंद्रीय विवि का दर्जा मिला था। तब यह प्रावधान किया गया था कि जो कॉलेज जिस स्थिति में विवि से सम्बद्ध है, वैसा ही रहेगा।

इस वर्ष गढ़वाल विवि ने फरमान जारी किया कि इस सत्र से सभी कॉलेजों की बढ़ी हुई सीट्स और कोर्स वापस हो जाएंगी। केवल उतनी सीटों पर दाखिले होंगे जितनी 2009 में कोलेजों के पास थी।

गढ़वाल विवि के इस आदेश पर सवाल उठ रहे थे। अगर सीट बढ़ोतरी गलत थी तो विवि ने किस आधार पर 8 साल में कोर्स और सीट बढ़ाई।

इस आदेश के खिलाफ कुछ कोलेजों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने विवि के आदेश को स्थगित करते हुए जवाब मांगा था। इस बीच विवि ने एक और पत्र जारी किया कि इस साल अतिरिक्त सीटों पर एडमिशन के लिए विवि जिम्मेदार नहीं होगा। इस मामले पर हाई कोर्ट ने कुलसचिव को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया।

इस बीच 19 जून 2018 को गढ़वाल विवि ने एक पत्र जारी किया है, जिसमे मार्च में जारी किए गए आदेश को रद्द कर दिया गया है। इससे कोलेजों को बड़ी राहत मिली है। कॉलेजों के लिए अब एडमिशन की राह साफ हो गई है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *