Uttarakhand Forest Fire Alert : 40 घटनाओं में भारी नुकसान, मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक
उत्तराखंड के जंगलों में इस बार आग(forest fire in uttarakhand) बेकाबू हो गई है। पिछले 24 घंटे में आग की 40 घटनाओं में 63 हेक्टेयर जंगल जल गए हैं। आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया है। पिछले 24 घंटे में 04 लोगों और 07 जानवरों की मौत हो चुकी है।
मुख्य वन संरक्षक(CCF) वनाग्नि मान सिंह ने बताया कि पिछले 24 घंटे में गढ़वाल में 23 और कुमाऊं में 16 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं। जिसमें 63 हेक्टेयर जंगल जल गया।
एक अक्टूबर 2020 से अब तक 964 घटनाओं में 1264 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। 12 हजार वनकर्मी और फायर वाचर आग बुझाने के लिए तैनात किए गए हैं। वहीं,पीसीसीएफ ने कहा कि जिस तरह तापमान बढ़ रहा है उससे आग, बांज के जंगलों तक पहुंचने की आशंका है। इसलिए पहले से इसकी तैयारी करनी होगी।
गृह मंत्री अमित शाह(Home Minister Amit Shah) ने भेजी एनडीआरएफ और हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध कर हेलीकाप्टर की मांग की है ताकि वनाग्नि पर काबू पाया जा सके। चिंता जताते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश में जल रहे जंगलों की आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ को भी तैनात किया जाए। गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे हालात की जानकारी लेते तत्काल एनडीआरएफ की टीमों को उत्तराखंड रवाना होने के आदेश दिए हैं। साथ ही आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर भी भेजे जा रहे हैं।
सीएम ने बुलाई आपात बैठक
वनों की आग से न सिर्फ़ वन सम्पदा की हानि हो रही है बल्कि जन हानि और वन्य जीवों को भी नुकसान हो रहा है। वनाग्नि की घटनाओं की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों, वन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और सभी जिलाधिकारियाें की बैठक बुलायी है। वन विभाग में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है।
फॉरेस्ट फायर(forest fire) का अलर्ट
पीसीसीएफ राजीव भर्तरी ने आग की घटनाओं को लेकर अलर्ट जारी कर सभी डीएफओ और वन संरक्षकों को क्षेत्र में रहने के निर्देश दिए हैं। सभी वन कर्मी और फायर वाचर वनाग्नि को लेकर मॉक ड्रिल करेंगे। वन अफसरों और कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में ही छुट्टी दी जाएगी। उधर,
24 घंटे के भीतर 37 लाख की संपत्ति नष्ट
24 घंटों में आग की घटना में चार लोगों के अलावा, सात जानवरों की मौत हो गई है। प्रधान मुख्य संरक्षक (अग्नि) द्वारा विवरण के अनुसार, उग्र आग ने अब तक 37 लाख रुपये की संपत्ति को नष्ट कर दिया। बड़े पैमाने पर जंगल की आग के मद्देनजर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।
उत्तरकाशी में 45 हेक्टेयर जंगल हो चुके हैं राख
उत्तरकाशी जिले के विभिन्न हिस्सों में जंगल धधक रहे हैं। जिले के पांच वन प्रभागों में अभी तक चार दर्जन आग की घटनाओं में करीब 45 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। अपर यमुना वन प्रभाग में पौंटी, मोल्डा, उपराड़ी, गंगनानी क्षेत्र के जंगल जल रहे हैं। डीएफओ केपी वर्मा ने बताया कि इस सीजन में प्रभाग में अभी तक आग लगने की सात घटनाओं में करीब सात हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है।
पौड़ी में जल चुका है 321 हेक्टेयर जंगल
पौड़ी जनपद के गढ़वाल वन प्रभाग में अब तक वनाग्नि की 217 घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 321 हेक्टेयर वन भूमि जल चुकी है। पौड़ी में जंगल में लगी आग से शनिवार को एक प्राथमिक विद्यालय भवन जल गया। गनीमत रही कि कोरोना संक्रमण काल के कारण विद्यालय बंद था, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। स्कूल का फर्नीचर और दस्तावेज जलकर राख हो गए हैं।
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