तीन बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा दे चुके युवाओं को लगा बड़ा झटका
सीबीएसई के एक फैसले के बाद से देश के तमाम युवा ऐसे हैं जो कि अब कभी डॉक्टर नहीं बन पाएंगे। दरअसल, सीबीएसई ने इस साल से एमबीबीएस-बीडीएस दाखिलों की कॉमन प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट(नीट) में अटेम्प्ट की लिमिट तय कर दी है। एक स्टूडेंट 12वीं पास करने के बाद तीन बार से ज्यादा मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा। इससे देशभर के उन तमाम युवाओं को जोर का झटका लगा है जो कि कई साल से लगातार मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं देते आ रहे थे।
यह है नया नियम
अब कोई भी स्टूडेंट 3 बार से ज्यादा नीट में शामिल नहीं हो पाएगा। अगर किसी छात्र ने बीते सालों में तीन बार एआईपीएमटी या नीट की प्रवेश परीक्षा दे दी हो और वह इसमें असफल रहा हो तो इस बार नीट के लिए वह आवेदन नहीं कर सकता। अगर किसी स्टूडेंट ने दो बार एआईपीएमटी का एग्जाम दिया होगा तो इस बार उसके लिए नीट में बैठने का आखिरी मौका होगा। अगले साल से वह नीट नहीं दे पाएगा। पहली बार सीबीएसई ने एग्जाम में अटेंप्ट की सीमा तय की है। इससे हजारों युवाओं का डॉक्टर बनने का सपना टूट गया है। इसके खिलाफ आवाजें भी उठनी शुरू हो गई हैं।
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