सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पक्षों से मांगा 23 फरवरी तक जवाब
देश के एमबीबीएस और बीडीएस कॉलेजों में एडमिशन को होने वाली नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट(नीट) में पहली बार लागू किया गया उम्र सीमा का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहंुच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मामले पर 23 फरवरी तक जवाब मांगा है।
पहली बार नीट एग्जाम में यह तय किया गया था कि केवल 25 साल तक के युवा ही मेडिकल की यह प्रवेश परीक्षा दे पाएंगे। बीते सालों का रिकॉर्ड देखें तो 30 से 31 साल तक की उम्र वाले कैंडिडेट्स ने भी मेडिकल एडमिशन की ऑल इंडिया प्रवेश परीक्षा दी है। उम्र के इस बंधन की वजह से 25 साल से ऊपर वाले सभी युवाओं को जोर का झटका लगा था। मामले में कुछ कैंडिडेट्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर बानुमथी और जस्टिस एम शांतनागोदार की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में उम्र सीमा लागू करने का मामला सबयासाची राय ने दायर किया है। उनका कहना है कि एमसीआई के रेगुलेशन के हिसाब से ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कि उम्र सीमा का नियम लागू करता हो। एमसीआई से सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी तक जवाब मांगा है। इसके बाद कोर्ट फैसला लेगा कि आगे क्या होगा? आपको बता दें कि पहली बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए केवल तीन अटेम्प्ट का नियम लागू हुआ है। इस साल जो कैंडिडेट्स नीट देंगे, उनका यह पहला प्रयास काउंट किया जाएगा। इसके बाद उन्हें दो और प्रयास मिलेंगे।
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