SRHU में शैक्षणिक 2018-19 से डिप्लोमा व डिग्री कोर्स का संचालन
दुनिया को अध्यात्मिक व योग का मंत्र देने वाले एचआईएचटी संस्थापक सिद्धयोगी स्वामी राम के संस्थान से छात्र अब योग की डिग्री हासिल कर सकते हैं। छात्रों की लंबे समय से मांग को देखते हुए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) प्रशासन ने योग में डिप्लोमा व डिग्री कोर्स संचालित करने का निर्णय लिया है। प्रवेश के लिए कम से कम 12वीं में 45 फीसदी नंबर होने चाहिए।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि विश्वविद्यालय का फोकस छात्रों के सर्वांगिण विकास पर है। योगी स्वामी राम जी की तप नगरी के रुप में भी विश्वविद्यालय की पहचान है। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला छात्र किसी भी कोर्स से हो उन्हें योग व अध्यात्म की शिक्षा-दीक्षा पहले से ही दी जाती रही है। हालांकि, विश्वविद्यालय के पास योग कोर्स शुरू करने को लेकर छात्रों की लंबे से मांग आ रही थी। इसी के मद्देनजर शैक्षणिक सत्र 2018-19 से विश्वविद्यालय में यौगिक साइंस एंड हॉलिस्टिक हेल्थ में डिप्लोमा व बैचलर डिग्री कोर्स का संचालन शुरू किया जा रहा है। संस्थापक स्वामी जी की ये तपस्थली भी लिहाजा यहां पर स्वामी जी का योग सेंटर भी स्थापित है। योग करने वाले छात्रों को सेंटर में यौगिक विद्याओं की बारीकी से जानकारी मिल सकेगी।
शैक्षणिक योग्यता– प्रवेश के लिए 12 वीं कम से कम 45 फीसदी नंबर अनिवार्य
यहां मिलेगी हेल्प– प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों को परेशानी न हो इसके लिए यूनिवर्सिटी में एडमिशन सेल की स्थापना की गई है। सभी जानकारी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट www.srhu.edu.in से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा अभ्यर्थी ईमेल व फोन नम्बर से 0135-2471135, 611, मोबाइल नंबर – 8194009631, 8194009632, 8194009640, टोल फ्री नंबर 18001210266 पर कॉल या एसएमएस से जानकारी ले सकते हैं।
योग में रोजगार के अवसर-योग शिक्षक व प्रशिक्षक के रुप में, विभिन्न शासकीय व निजी चिकित्सालयों में योग चिकित्सक के रुप में, भारत के बाहर भारतीय दूतावासों में योग शिक्षक के रुप में, स्वंय का योग केंद्र संचालित कर सकते हैं।
योग के वैज्ञानिक पक्ष को सामने लाए स्वामी राम- साल 1970 अमेरिका में प्रख्यात वैज्ञानिकों एवं उनकी आधुनिक मशीनों के सम्मुख स्वामी राम ने यौगिक क्रियाओं का प्रदर्शन किया। इसमें उन्होंने अपनी यौगिक शक्ति के बल पर स्वामी जी ने 17 सेकेंड के लिए हृदय गति को रोक लिया। अपनी हथेली के दो हिस्सों पर 10 डिग्री का अंतर कर दिया। 20 फीट दूर रखी सुंईं को अपनी मनौविज्ञान शक्ति के बल पर हिला दिया। चिरा निंद्रा से जगने के बाद यौगिक शक्ति के बल पर अपने आसपास उस दौरान घटने वाली घटनाओं की सटीक जानकारी दी। यह सभी घटनाएं शोध के रुप में इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका ईयर बुक ऑफ साइंस व नेचर साइंस एनुअल व वर्ल्ड बुक साइंस एनुअल में प्रकाशित किया गया।