बीकॉम, बीबीए, एलएलबी पास युवाओं के लिए मोदी सरकार लाई बड़ा मौका

GST में बन सकते हैं प्रैक्टिशनर, रिटर्न दाखिल करने का कर सकते हैं काम, सीए के बराबर का है मौका

देशभर में बीकॉम, एमकॉम, बीबीए, एमबीए और एलएलबी पास युवाओं के लिए केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ा मौका लेकर आई है। एक जुलाई से लागू होने जा रहे गुड्स एंड सर्विस टैक्स जीएसटी में वह चार्टर्ड अकाउंटेंट की तरह प्रैक्टिशनर बन सकते हैं।

 

जीएसटी काउंसिल की ओर से नियमावली तैयारी की जा रही है। एक जुलाई 2017 से लागू होने जा रहे जीएसटी में रिटर्न दाखिला भी अहम है। जीएसटी एक्ट की धारा 48 में जीएसटी प्रैक्टिशनर का प्रोविजन किया गयाह ै; कोई भी कारोबारी मान्यता प्राप्त जीएसटी प्रैक्टिशनर से अपना रिटर्न दाखिल करवा सकता है। खास बात यह है कि व्यापारी को महीने में तीन रिटर्न दाखिल करने हैं। निश्चित तौर पर इससे लोड बढ़ जाएगा। और रिटर्न भरने वाले प्रोफेशनल्स भी कम पड़ जाएंगे।

 

ऐसे बन सकते हैं प्रैक्टिशनर

बीकॉम, बीबीए, एमकॉम, एमबीए और एलएलबी पास युवाओं को जीएसटी प्रैक्टिशनर बनने के लिए केवल एक निर्धारित प्रपत्र में फॉर्म भरकर जीएसटी अधिकारी को देना होगा। यह आवेदन एक्सेप्ट होने के बाद आपको जीएसटी की ओर से रिटर्न भरने को मान्यता दे दी जाएगी। खास बात यह है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी वाले युवा भी ऐसे ही जीएसटी प्रैक्टिशनर बन सकते हैं।

 

यह होगा फायदा

जीएसटी प्रैक्टिशनर बनने के बाद आप विभिन्न कंपनियों और कारोबारियों से संपर्क करेंगे। चूंकि महीने में तीन फिर तिमाही और फिर सालाना रिटर्न भरा जाएगा, इसलिए आपके लिए काम करने का बहुत मौका होगा। कंपनियां आपके हिसाब से आपको रिटर्न भरने का पेमेंट देगी।

 

गलती की तो छिन जाएगी मान्यता

जीएसटी अधिकारी की ओर से दी जाने वाली मान्यता छिन भी सकती है। जीएसटी काउंसिल ने प्रोविजन किया है कि अगर कोई प्रैक्टिशनर गलत काम करते हुए पाया गया, डाटा में हेरफेर किया तो तत्काल उसकी मान्यता खत्म कर दी जाएगी। इसके बाद वह प्रैक्टिशनर नहीं रह पाएगा। ऐसे व्यक्ति, जिन्हें किसी मामले में दो या इससे अधिक वर्ष की जेल हुई होगी, वह भी प्रैक्टिशनर नहीं बन पाएंगे।

 

 

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