नौकरी छोड़कर पहाड़ी अनाज और उसके पकवान को बनाया कॅरियर
मन में अगर कुछ करने का हौसला और हिम्मत हो तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है। उत्तराखंड की दो बेटियों ने ऐसी ही मिसाल कायम की है अपने अनोखे स्टार्टअप से। स्वाति और अर्चना ने पहाड़ के अनाज और उससे बनने वाले पकवानों से स्टार्टअप किया। आज वह लखपति बन गई हैं। खास बात यह भी है कि इस स्टार्टअप के लिए उन्होंने अपनी अच्छी खासी सैलरी वाली जॉब छोड़ी है।
स्वाति डोभाल और अर्चना ग्वाड़ी ने रस्यांण के नाम के पहाड़ी अनाज और उससे बने पकवान बेच रही हैं। साथ ही शादियों और पार्टियों में पहाड़ी खाने की कैटरिंग का काम भी कर रही हैं। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की अर्चना ने इंटीरियर डिजाइनिंग का डिप्लोमा किया है जबकि स्वाति डोभाल ने गुड़गांव से एमबीए किया है। दोनों ही अच्छी नौकरी करते थे लेकिन उनका मन हमेशा से ही अपना काम करने का था।
विरोध प्रदर्शन में मिले और एक हो गए
ईयर 2012 के लास्ट में दिल्ली के निर्भया कांड के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान स्वाति और अर्चना की मुलाकात हुई। उसके बाद दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। दोनों ने सोचा कि क्यों न दून में अपना कोई कारोबार शुरू किया जाए। हालांकि उनके घरवाले इसके लिए तैयार नहीं थे, इसलिए उन्होंने तय किया कि कारोबार जमने तक वह किसी को इसके बारे में नहीं बताएंगी।
घर-घर भेजा टिफिन
सबसे पहले उन्होंने टिफिन घर-घर पहुंचाने का काम शुरू किया। हालांकि उनके लिए शुरूआत बेहद खराब रही। अलग-अलग जगह टिफिन पहुंचाने जाने के दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ी। उन्होंने टिफिन बांटने के लिए कुछ युवक रखे लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर पाए। इस पर दोनों ने सोचा कि वह बिना घबराए खुद ही टिफिन बांटने जाएंगी। खाने की बेहतर क्वालिटी और कम दाम के चलते जल्द ही उनका काम चल निकला। फिर उन्होंने पहाड़ के पारंपरिक अनाज और पकवानों को लोगों तक पहुंचाने के लिए रस्यांण नाम से सोसाइटी बनाई। इसके जरिये वह पहाड़ के अलग-अलग क्षेत्रों से उत्पाद लाते और दून व अन्य स्थानों पर बेचते हैं। अब शादी में पहाड़ी खाने भी परोसती हैं। उनका प्रतिमाह की कमाई लाखों रुपये में है। अब तक वह कई लड़कियों को नौकरी दे चुकी हैं।
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