ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 35 शिक्षकों को अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की टॉप 2% शोधकर्ताओं की वैश्विक सूची में स्थान मिला है। यह उपलब्धि भारत की बढ़ती शोध क्षमता और नवाचार का प्रमाण है।
अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी दुनिया के टॉप शोधकर्ताओं की सूची में ग्राफिक एरा के 35 शिक्षकों को शामिल किया गया है।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर अपनी शोध क्षमता और वैश्विक प्रभाव का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया है। एल्सेवियर डेटा रिपॉजिटरी में प्रकाशित विश्व के शीर्ष 2 प्रतिशत शोधकर्ताओं की वार्षिक सूची वैज्ञानिक शोध योगदान और प्रभावशाली प्रकाशनों के गहन मूल्यांकन के आधार पर तैयार की जाती है। इसे वैश्विक स्तर पर सबसे प्रामाणिक और प्रतिष्ठित सूचियों में गिना जाता है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस सूची में स्थान पाना शिक्षकों के अद्वितीय योगदान, उनके शोध कार्य और शोधपत्रों के वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।
ग्राफिक एरा के 35 शिक्षकों का इस सूची में शामिल होना न केवल विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है बल्कि भारत की बढ़ती शोध क्षमता और नवाचार की शक्ति का भी प्रमाण है। यह उपलब्धि ग्राफिक एरा के सतत प्रयासों को दर्शाती है, जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्ता वाले शोध, प्रभावशाली प्रकाशन और ज्ञान सृजन को बढ़ावा देकर देश को अग्रणी शिक्षा एवं शोध संस्थानों में स्थापित कर रहा है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने कहा—
“यह सम्मान स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के उन शिक्षकों की मेहनत, लगन और उत्कृष्ट शोध कार्य का परिणाम है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता, अध्ययन और नवाचार से वैश्विक मानचित्र पर ग्राफिक एरा का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है। हमारे शिक्षक केवल ज्ञान का संचार ही नहीं कर रहे बल्कि नए ज्ञान से युवा पीढ़ी को जोड़ रहे हैं।”
डॉ. घनशाला ने आगे कहा—
“ग्राफिक एरा के ये 35 शिक्षक केवल विश्वविद्यालय की ही नहीं बल्कि पूरे भारत की धरोहर हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि भारतीय शोधकर्ता किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में खरे उतर सकते हैं।”
गौरतलब है कि इससे पहले ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी NIRF रैंकिंग 2025 में देशभर के टॉप 50 विश्वविद्यालयों में स्थान पाकर अपना वैश्विक प्रभाव दर्ज कराया था। ग्राफिक एरा का NAAC “A+” ग्रेड प्राप्त करना इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता और शोध क्षमता का प्रमाण है।