NAAC अगस्त से शुरू करेगा नया मान्यता मॉडल, अब सिर्फ ‘मान्यता प्राप्त’ या ‘अमान्य’

नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) अगस्त से उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए नया ऑनलाइन और AI-आधारित मूल्यांकन मॉडल लागू करने जा रहा है। नया सिस्टम पारदर्शिता, विश्वसनीयता और दक्षता को बढ़ावा देगा।

NAAC2025, NewAccreditationSystem, HigherEducationIndia, NAACReform, AIAccreditation, UniversityReform, NAACUpdate

नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए मान्यता प्रणाली को पूरी तरह से बदलने का ऐलान किया है। अगस्त 2025 से लागू हो रहे इस नए सिस्टम में पारंपरिक फील्ड विजिट को हटाकर AI आधारित ऑनलाइन मूल्यांकन को अपनाया जाएगा।

NAAC चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि अब संस्थानों को सिर्फ दो श्रेणियों में रखा जाएगा — ‘मान्यता प्राप्त’ या ‘अमान्य’

🔸 नए सिस्टम की खास बातें:
• पुरानी सात-पॉइंट ग्रेडिंग स्केल समाप्त।
• अब केवल Accredited (मान्यता प्राप्त) या Not Accredited (अमान्य) के रूप में मूल्यांकन।
• दो स्तरों की व्यवस्था:
• बेसिक मान्यता प्रणाली
• मच्योरिटी-आधारित ग्रेडेड प्रणाली

🔸 पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर लगाम:
• अब किसी भी संस्थान की बेसिक मान्यता के लिए कोई फिजिकल विजिट नहीं होगी।
• मूल्यांकन पूरी तरह डॉक्युमेंट-बेस्ड और AI सपोर्टेड होगा।
• 100 रैंडम स्टेकहोल्डर (जैसे रिटायर्ड कुलपति, शिक्षक, इंडस्ट्री एक्सपर्ट आदि) संस्थान द्वारा दिए गए दस्तावेजों की विश्वसनीयता स्कोर (0 से 1) के जरिए जांच करेंगे।

🔸 क्रेडिबिलिटी स्कोर और सज़ा:
• संस्थानों की शुरुआती स्कोर 0.5 से शुरू होगी।
• अगर दस्तावेज सही पाए गए तो स्कोर बढ़ेगा, गलत पाए जाने पर घटेगा।
• गलत दस्तावेज देने पर संस्थान को 3 साल तक मान्यता प्रक्रिया से बाहर किया जा सकता है।

🔸 मूल्यांकन मापदंड:

• विश्वविद्यालयों के लिए 55
• स्वायत्त कॉलेजों के लिए 50
• संबद्ध कॉलेजों के लिए 40 मापदंड तय किए गए हैं।
• न्यूनतम स्कोर क्रमशः 50%, 45%, और 40% अनिवार्य।

🔸 मच्योरिटी-आधारित ग्रेडेड प्रणाली:

• मान्यता प्राप्त संस्थान Level 1 से लेकर Level 5 तक के ग्रेड में आवेदन कर सकते हैं।
• हर उच्च स्तर पर 80 से 100 तक मापदंड होंगे।
• Level 3, 4 और 5 पर हाइब्रिड (ऑनलाइन + ऑन-साइट) मूल्यांकन किया जाएगा।

🔸 पुराने ग्रेड वाले संस्थानों के लिए विकल्प:
A, A+ या A++ ग्रेड वाले संस्थान भी इस नए सिस्टम में बेसिक या डायरेक्ट ग्रेडेड लेवल के लिए आवेदन कर सकते हैं।
🔸 विदेशी विश्वविद्यालय भी होंगे शामिल:
भारत में कैंपस खोल चुके या खोलने की योजना बना रहे विदेशी विश्वविद्यालय भी इस प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

🔸 लक्ष्य क्या है?

वर्तमान में केवल 40% विश्वविद्यालय और 18% कॉलेज ही मान्यता प्राप्त हैं। नया मॉडल अगले 5 वर्षों में 90% संस्थानों को मान्यता दिलाने का लक्ष्य लेकर आया है।
यह बदलाव भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, गुणवत्ता और डिजिटल दक्षता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *