ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, देहरादून में विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति, लोकगीतों और पहाड़ी व्यंजनों की सुगंध से माहौल महक उठा। गढ़वाली फूड फेस्टिवल, मीठू पहाड़ कार्यशाला और बीज प्रदर्शनी ने छात्रों को स्थानीय संस्कृति और पर्यटन से गहराई से जोड़ा।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में विश्व पर्यटन दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति को पर्यटन से जोड़ने का अनोखा प्रयास किया।
मुख्य अतिथि कैप्टन सरभदीप सिंह ने कहा कि यदि सरकार, स्थानीय लोग और पर्यटन उद्योग मिलकर काम करें तो न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि उत्तराखंड अपनी संस्कृति और व्यंजनों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला सकेगा।
कार्यक्रम में गढ़वाली फूड फेस्टिवल में झंगोरे की खीर, चैसूं, काफुली, लिंगड़े की सब्जी और लाल चावल जैसे पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद परोसा गया। वहीं मीठू पहाड़ कार्यशाला में छात्रों ने रोंठ और अरसे जैसी मिठाइयां बनते देखीं।
लोकगायिका डॉ. रेशमा शाह और डॉ. राकेश भट्ट ने लोकगीतों व जागरों से हिमालयी वादियों का अहसास कराया। साथ ही बीज प्रदर्शनी में विपिन जरधारी ने नौरंगी, पहाड़ी राजमा और झंगोरा जैसे बीजों के महत्व पर जानकारी दी।