देहरादून की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने EMI शील्डिंग फिल्म विकसित की है, जो विमानों को राडार से बचा सकती है। केंद्र सरकार ने पेटेंट दिया।
उत्तराखंड की ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने विज्ञान और रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. वारिज पंवार और डॉ. विकास राठी ने ऐसी खोज की है, जो विमानों और उपकरणों को राडार की पकड़ से बाहर कर देगी। केंद्र सरकार ने इस अनोखी तकनीक को मान्यता देते हुए 20 वर्षों के लिए पेटेंट भी प्रदान किया है।
✦ कैसे काम करती है तकनीक
वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने इलेक्ट्रो मैगनेटिक इंटरफेरेंस (EMI) शील्डिंग फिल्म विकसित की है। यह पतली परत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को विद्युत चुंबकीय हस्तक्षेप (EMI) से बचाती है।
यदि इस परत को किसी विमान या सतह पर चढ़ा दिया जाए, तो यह 12 से 18 गीगाहर्ट्ज़ (केयू बैंड) की फ्रीक्वेंसी रेंज पर आने वाली राडार तरंगों को सोख लेगी। परिणामस्वरूप राडार तरंगें वापस नहीं लौटेंगी और विमान या उपकरण राडार से अदृश्य हो जाएंगे।
✦ कई वर्षों की मेहनत का नतीजा
डॉ. वारिज पंवार ने बताया कि यह खोज उन्होंने अपने साथी वैज्ञानिक डॉ. विकास राठी के साथ सेंसर्स एंड एक्चुएटर्स लैब में कई वर्षों तक निरंतर प्रयोगों के बाद हासिल की है। इससे पहले भी इस लैब से बायोडिग्रेडेबल मटीरियल और एनर्जी हार्वेस्टिंग मटीरियल के क्षेत्र में कई पेटेंट मिल चुके हैं।
✦ भविष्य में संभावनाएं
यह तकनीक केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे गाइडेड मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, सैटेलाइट कम्युनिकेशन (डीटीएच, वी-सैट, मोबाइल सैटेलाइट लिंक), एवियोनिक्स (एयरक्राफ्ट कम्युनिकेशन, इन-फ्लाइट इंटरनेट), 5G टेक्नोलॉजी और माइक्रोवेव इमेजिंग जैसे क्षेत्रों में भी उपयोग किया जा सकता है।
✦ देश और राज्य के लिए गर्व
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने दोनों वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह खोज देश के लिए एक अनमोल तोहफा है। उन्होंने कहा कि ग्राफिक एरा की प्रयोगशालाएं पहले भी कई अनोखी खोजों के लिए जानी जाती हैं, जैसे टाइफाइड डायग्नोस करने की नई तकनीक, एआई-आधारित फिटनेस मशीन, सूक्ष्म बदलावों का पता लगाने वाली मेम्ब्रेन, ग्रीन टी से एंटी-फंगल दवा बनाने का फॉर्मूला और शारीरिक गतिविधियों से बिजली उत्पादन की तकनीक। इन सभी के पेटेंट ग्राफिक एरा को मिल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह खोज उत्तराखंड की सरज़मीं को गौरवान्वित करती है और देश को भविष्य में सुरक्षित और ऊर्जा-कुशल तकनीक की दिशा में मजबूत बनाएगी।