ग्राफिक एरा ने बढ़ाया मान, मिली ऐसी पहचान जो इस साल पूरे देश में किसी के पास नहीं

यूके की रेटिंग एजेंसी क्यूएस-आई गेज का एकेडमिक आॅडिट में देश में अकेले ग्राफिक एरा वि.वि. को डायमण्ड कैटेगिरी

(क्यूएस इण्डिया समिट में मानव संसाधन विकास मंत्री डा. निशंक और क्यूएस के वाइस प्रेसीडेण्ट फर्नांडीज ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डा. कमल घनशाला को डायमण्ड कैटेगिरी का प्रमाण पत्र भेंट करते हुए।)

ग्राफिक एरा ने एक बार फिर उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ा दिया है। क्यूएस-आई गेज रैंिकंग में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को डायमण्ड कैटेगिरी दी गई है। ग्राफिक एरा इस वर्ष समूचे देश में डायमण्ड कैटेगिरी पाने वाला यह एकमात्र विश्वविद्यालय बन गया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ और क्यूएस के सीईओ अश्विन फर्नांडीज ने ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर डा. कमल घनशाला को देश की इस सर्वश्रेष्ठ रैकिंग कैटेगिरी का प्रमाण पत्र सौंपा।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री डा. निशंक ने खासतौर से डा. कमल घनशाला के तकनीकी व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में योगदान की सराहना करते हुए उत्तर प्रदेश के समय से उनके संघर्ष और दो विश्वविद्यालयों की स्थापना तक के सफर का उल्लेख किया। डा. निशंक ने उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालय को रैकिंग में शिखर पर पहंुचने पर खुशी जाहिर की।

गोवा में आयोजित क्यूएस इण्डिया समिट में देश के विश्वविद्यालयों और काॅलेजों का मूल्यांकन करने वाली दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्यूएस-आई गेज ने रैकिंग की घोषणा करते हुए ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को डायमण्ड कैटेगिरी रखा। ओवरआल कैटेगिरी में सर्वश्रेष्ठता के आधार पर दिये जाने वाली इस रेटिंग और रैंकिंग के साथ ही ग्राफिक एरा को शानदार प्लेसमेण्ट दिलाने के आधार पर इम्पलायबिल्टी के साथ ही टीचिंग एण्ड लर्निंग, सुविधाओं और उद्यमियता के क्षेत्र में भी डायमण्ड कैटेगिरी दी गई है। क्यूएस के सीईओ अश्विन फर्नांडीज ने कहा कि 50 प्रमुख पैरामीटर्स के आधार पर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एकेडमिक आॅडिट करके रेटिंग और रैंकिंग की गई है।

अगले तीन वर्षों के लिये यह डायमण्ड रेटिंग दी गई है।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को डायमण्ड कैटेगिरी का विश्वविद्यालय घोषित किये जाने के अवसर पर ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) कमल घनशाला ने कहा कि प्रयोगशालाओं को दुनिया के प्रमुख उद्योगों में अपनाई जाने वाली नवीनतम टैक्नोलाॅजी से जोड़ने और उद्योग जगत की अगले वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रोफेशनल प्रक्षिशित करने व वल्र्ड क्लास फैकल्टी के कारण बीटेक में 55 लाख रूपये वार्षिक तक प्लेसमेण्ट आॅफर मिलना और डायमण्ड कैटेगिरी तक पहंुचना सम्भव हुआ है।

गौरतलब है कि देश के अन्य राज्यों का कोई भी अन्य विश्वविद्यालय वर्ष 2019-22 की डायमण्ड कैटेगिरी में नहीं पहंुच सका है। इससे पहले शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन करने वाली देश की सबसे बड़ी सरकारी एजेंसी नैक ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को बेहतरीन स्कोर के साथ ’ए’ ग्रेड दिया है और केन्द्र सरकार की टाॅप यूनिवर्सिटीज की सूची में इस विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग कैटेगिरी में आईआईटी के बाद उत्तराखण्ड में सबसे ऊपर स्थान दिया गया है।

हाल ही में दुनिया की सबसे छोटी और सबसे सस्ती ईसीजी मशीन बनाने पर ग्राफिक एरा के छात्र को प्रधानमंत्री श्री नरेंन्द्र मोदी से मिली सराहना के बाद दुनिया के शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों के बीच एक अलग पहचान बनाने वाले इस विश्वविद्यालय ने युवाओं को नौकरी देने वालों की श्रेणी में रखने के लिये एक बड़ी पहल की गई है। ग्राफिक एरा में केंन्द्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से इनक्यूबेटर स्थापित किया गया है। टीबीआई के नाम से मशहूर इस इनक्यूबेटर सेण्टर के चाइनीज से सस्ते और काफी ज्यादा क्षमता वाले ड्रोन, सबसे छोटी ईसीजी मशीन जैसे कई स्टार्टअप देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राकेश कुमार शर्मा भी मौजूद रहे।

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