ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में हुए दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दीक्षांत समारोह में 11 देशों के छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। समारोह में वैश्विक शिक्षा, सांस्कृतिक विविधता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना को प्रोत्साहित किया गया।

वैश्विक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में मंगलवार को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में 11 देशों के छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। दीक्षांत समारोह की शुरुआत के.पी. नौटियाल ऑडिटोरियम में शैक्षणिक यात्रा के साथ हुई।
इस समारोह में लाइबेरिया, लेसोथो, तंजानिया, साउथ सूडान, नेपाल सहित 11 देशों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इनमें ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम के छात्र-छात्राएं शामिल थे। सभी ने बीबीए, बीसीए, बीएससी, बीकॉम, बीटेक आदि कोर्स पूरे किए हैं।
समारोह की मुख्य अतिथि लेसोथो राजशाही दूतावास की फर्स्ट सेक्रेटरी मिस बोहलोकी मोरोजेले रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “डिग्री सिर्फ एक उपाधि नहीं बल्कि जीवनभर की जिम्मेदारी होती है।” उन्होंने छात्रों के नए देश और नई संस्कृति में शिक्षा लेने के साहस की सराहना की और भारत की ज्ञान परंपरा और ग्राफिक एरा की वैश्विक शिक्षा प्रणाली की तारीफ की।
प्रो-चांसलर डॉ. राकेश शर्मा ने कहा कि आज की दुनिया अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी की मांग करती है। उन्होंने छात्रों से विविधता को समझने, हर संस्कृति और भाषा का सम्मान करने और एक वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
डॉ. नरपिंदर सिंह (कुलपति, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी) और डॉ. अमित आर. भट्ट (कुलपति, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी) ने छात्रों को दीक्षांत शपथ दिलाई। रजिस्ट्रार डॉ. नरेश शर्मा ने शैक्षणिक यात्रा का नेतृत्व किया। समारोह में प्रो-वाइस चांसलर डॉ. संतोष एस. सर्राफ, डीन इंटरनेशनल अफेयर्स डॉ. डी.आर. गंगोडकर, शिक्षकगण, अभिभावक और ऑनलाइन माध्यम से जुड़े अतिथि मौजूद रहे।
यह समारोह ग्राफिक एरा की वैश्विक समावेशिता और अकादमिक श्रेष्ठता का सजीव उदाहरण बना।
