CBSE Board Exam 2020: बोर्ड ने इवेल्यूएशन का प्रॉसेस किया सख्त
CBSE 10वीं, 12वीं बोर्ड एग्जाम से ठीक पहले इवेल्यूएशन को लेकर माहौल सख्त हो गया है। अगर स्टूडेंट के मार्क्स किसी टीचर की वजह से कम आए तो उस टीचर और उसके स्कूल के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
CBSE की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से 30 मार्च तक चलेंगी। बोर्ड ने इस बात पर सख्त आपत्ति जताई है कि कॉपियों के मूल्यांकन को तमाम स्कूल हल्के में लेते हैं। टेंपरेरी टीचर कॉपियां जांचने भेज दिए जाते हैं। इनकी जवाबदेही भी नहीं होती। जिसकी वजह से मूल्यांकन में गड़बड़ी होती है।
CBSE के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि बोर्ड के एफिलिएशन बायलॉज के नियम संख्या 14.4 के तहत सख्त प्रावधान है, यह नियम इस बार सख्ती से लागू हो रहा है। जो स्कूल इन नियमों का पालन नहीं करेगा। रेगुलर टीचर मूल्यांकन करने नहीं भेजेगा, उस स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह होगी कार्रवाई
पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
स्कूल को सीनियर सेकेंडरी से डाउनग्रेड करके सेकेंडरी किया जा सकता है।
कुछ सेक्शन पर रोक लगाई जा सकती है।
दो साल के लिए छात्रों के बोर्ड एग्जाम देने पर रोक लग सकती है।
एक निश्चित समयावधि के लिए स्कूल की मान्यता को सस्पेंड किया जा सकता है।
स्कूल के पांच साल तक मान्यता का आवेदन करने पर रोक लगाई जा सकती है।
कुछ विशेष विषयों की मान्यता खत्म की जा सकती है।
स्कूल की पूरी मान्यता भी खत्म की जा सकती है।
बोर्ड अपने हिसाब से भी कोई जुर्माना लगा सकता है।
लिखित चेतावनी दी जा सकती है।