सुप्रीम कोर्ट ने जेईई एडवांस की काउंसिलिंग और एडमिशन पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को IIT दाखिलों की प्रवेश प्रक्रिया जेईई एडवांस काउंसिलिंग व दाखिलों पर रोक लगा दी। कोर्ट ने यह रोक हिंदी लैंग्वेज के कैंडिडेट्स को जेईई एडवांस के रिजल्ट में सात अतिरिक्त मार्क्स देने पर आई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने एश्वर्या अग्रवाल की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बीती 30 जून 2017 को मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिर्सोस एंड डेवलपमेंट एमएचआरडी को नोटिस जारी किया था। याचिका में एश्वर्या ने कोर्ट से अपील की थी कि जिन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, वह गलत है। उन्होंने इसे होनहारों के अधिकारों का हनन करार दिया था।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा काउंसिलिंग व दाखिलों पर रोक लगाते हुए कहा कि देश के किसी भी हाईकोर्ट में अब जेईई एडवांस से जुड़ी किसी भी याचिका पर सुनवाई नहीं होगी। जेईई एडवांस परीक्षा में उन कैंडिडेट्स को भी मार्क्स दे दिए गए, जिन्होंने हिंदी माध्यम का वह सवाल हल भी नहीं किया। नियमानुसार यह ग्रेस मार्क्स केवल उन स्टूडेंट्स को दिए जाने थे, जिन्होंने गलत तरीके से ही सही लेकिन वह गलत प्रिंट हुए सवाल हल किए होते।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक उन सभी संस्थानों में लगाई है, जहां कि जेईई एडवांस के स्कोर से एडमिशन किए जा रहे थे। इसमें देश की सभी आईआईटी के अलावा आईएसएम धनबाद और आईआईएससी बैंगलोर भी शामिल हैं। इस मामले में आगे की सुनवाई अब 10 जुलाई 2017 को होगी।