मोदी सरकार की पहल से कसा कॉलेजों पर शिकंजा

AICTE ने जारी की एप्रवूल प्रोसेस हैंडबुक नियमावली

 

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को देशभर से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की ओर से हुई शिकायतों पर मोदी सरकार ने पहल की है। सरकार के निर्देशों पर एआईसीटीई को नई नियमावली जारी करनी पड़ी है। अब किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में अगर एडमिशन लेने के बाद सीट छोड़नी पड़ती है तो इसके लिए समस्या नहीं होगी। कॉलेज या यूनिवर्सिटी अब आपकी फीस लौटाने में मनमानी नहीं कर पाएंगे। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने ऐसे टेक्निकल व मैनेजमेंट कॉलेजों के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। इसके लिए नई नियमावली जारी की गई है। यह नियमावली एप्रूवल प्रोसेस हैंडबुक 2017 के नाम से सभी संस्थानों को भेज दी गई है।

 

अब यह हैं नए नियम

  • स्टूडेंट कोर्स शुरू होने से पहले सीट छोड़ता है तो संस्थान को अधिकतम एक हजार रुपये तक प्रॉसेसिंग फीस काटकर बाकी पूरी फीस लौटानी होगी।
  • किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज को यह अनुमति नहीं होगी कि वह छात्र के ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स अपने पास रखे।
  • अगर एडमिशन की लास्ट डेट तक स्टूडेंट द्वारा छोड़ी गई सीट पर एडमिशन हो जाता है तो कॉलेज या यूनिवर्सिटी को अधिकतम एक हजार रुपये प्रॉसेसिंग फीस के अलावा उचित मासिक शुल्क और हॉस्टल फीस (अगर हो तो) वसूल सकता है। पूरी फीस अपने पास नहीं रख सकता है।
  • सेशन के बीच में किसी भी समय नाम कटवाने वाले स्टूडेंट्स से बाद के वर्षों की फीस वसूल नहीं की जा सकती है।
  • अगर छात्र सत्र शुरू होने के बाद सीट छोड़ता है और वह सीट खाली रह जाती है तो संस्थान को सिक्योरिटी डिपॉजिट की रकम छात्र को लौटानी होगी।

 

नहीं माने तो जाएगी मान्यता

  • यूनिवर्सिटी या कॉलेज पर प्रत्येक छात्र से वसूली गई फीस का दोगुना जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • इंस्टीट्यूट का एप्रूवल एक साल के लिए सस्पेंड किया जा सकता है।
  • एप्रूव्ड सीटों की संख्या में कमी की जा सकती है।
  • एक साल तक संस्थान में दाखिलों पर रोक लगाई जा सकती है।
  • इंस्टीट्यूट की मान्यता खत्म की जा सकती है।

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